नई दिल्ली। बांग्लादेश के प्रधानमंत्री पद से अपदस्थ शेख हसीना ने देश छोड़ने करीब हफ्ते भर बाद वहां के हालातों को लेकर प्रतिक्रिया दी. शेख हसीना ने अपने देशवासियों से कहा है कि वह जल्द बांग्लादेश लौटेंगी.
उन्होंने कहा, “मेरा दिल यह खबर सुनकर रो रहा है कि कई नेता मारे गए हैं, कार्यकर्ताओं को परेशान किया जा रहा है और उनके घरों में तोड़फोड़ और आगजनी की गई है. सर्वशक्तिमान अल्लाह की कृपा से मैं जल्द ही वापस आऊंगी. अवामी लीग ने बार-बार उठकर आवाज उठाई है. मैं हमेशा बांग्लादेश के भविष्य के लिए प्रार्थना करूंगी, वह राष्ट्र जिसके लिए मेरे महान पिता ने संघर्ष किया. वह देश जिसके लिए मेरे पिता और परिवार ने अपनी जान दे दी.”
‘भड़काने के लिए शब्दों को तोड़ मरोड़कर किया गया पेश’
आरक्षण आंदोलन और छात्र विरोध का जिक्र करते हुए हसीना ने कहा, “मैं बांग्लादेश के युवा छात्रों से दोहराना चाहूंगी. मैंने आपको कभी रजाकार नहीं कहा. बल्कि आपको भड़काने के लिए मेरे शब्दों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया. मैं आपसे उस दिन का पूरा वीडियो देखने का अनुरोध करती हूं. षड्यंत्रकारियों ने मासूमियत का फायदा उठाया है और देश को अस्थिर करने के लिए आपका इस्तेमाल किया है.”
‘अंतरिम सरकार ने प्रदर्शनकारियों के सामने टेके घुटने’
शेख हसीना के बेटे साजिब वाजेद जॉय ने शनिवार, 10 अगस्त रात अपने सत्यापित फेसबुक पेज पर लिखा, “आज प्रदर्शनकारियों ने सुप्रीम कोर्ट पर हमला करने की धमकी दी और बांग्लादेश के मुख्य न्यायाधीश के घर को जलाने की धमकी दी. उन्होंने अदालत से इस्तीफे की मांग की और अपने नामांकित व्यक्तियों को नियुक्तियों की एक सूची प्रदान की.”
यह दावा करते हुए कि अंतरिम सरकार ने प्रदर्शनकारियों की मांगों के आगे घुटने टेक दिए हैं, उन्होंने लिखा, “प्रदर्शनकारियों के नामित न्यायाधीशों की नियुक्ति की गई है. किसी देश के सुप्रीम कोर्ट को बिना किसी प्रक्रिया के, बिना निर्वाचित संसद के कैसे बदला जा सकता है?”
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