चंद्रपुर: कुख्यात गैंगस्टर हाजी सरवर शेख की हत्या मामले में पाच आरोपियों ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया तो ऐक आरोपी को नागपूर से गिरफ्तार किया गया है। आपराधिक दुनिया के दो सबसे अच्छे दोस्त एक अंदरुनी बात और पैसे को लेकर दुश्मन बन गए और एक की हत्या हो गई। समीर शेख सरवर पहले प्रमोद वेलोकार था वह यवतमाल जिले के दिग्रस का रहने वाले है।
साल 2009 में उसकी मुलाकात चंद्रपुर जिले के हाजी सरवर शेख से हुई। दोनों ने मिलकर अपराध जगत में अपना दबदबा बनाया। दोनों मिलकर कई अवैध कारोबार करते थे। वे दोनों एक साथ जेल भी गऐ है। इससे पहले प्रमोद वेलोकार का एक युवती से अफेयर था। प्रमोद वेलोकार ने उससे शादी करने के लिए धर्म परिवर्तन कर लिया और वह शेख समीर सरवर बन गया। हाजी ने उसे अपने पिता का नाम दिया।
उधर, समीर को सूचना मिली कि हाजी उसकी हत्या करने वाला है। इसी बीच 11 अगस्त को समीर चंद्रपुर आया। इससे पहले दिग्रस में हाजी को खत्म करने की योजना तैयार की गई थी। उसने अपने साथ दिग्रस से श्रीकांत कदम, प्रशांत उर्फ राजेंद्र मोटवानी, नागपुर से नामदेव ढगे और हाजी के नाकोडा गांव से राजेश मुलकवार को साथ लिया। ये सब चंद्रपुर के एक लॉज में रुके। पुलिस को पहले ही सूचना मिल गई थी कि कुछ अपराधी लोग शहर मे घुम रहे है। पुलिस ने हत्यारों की तलाश में अभियान चलाया, लेकिन इससे पहले कि पुलिस उन तक पहुंचती, समीर और उसके साथी हाजी तक पहुंच गए।
हाजी अपने दोस्तों के साथ बिनबा गेट इलाके के शाही दरबार होटल में दोपहर का भोजन कर रहा था। तभी गोलीबारी शुरू हो गई। इसके बाद खून से लथपथ पड़े हाजी पर इन पांचों लोगों ने चाकू से कई वार कर मार दिया। हाजी की वहीं मौत हो गई। इन सभी पांच लोगों ने हत्या के बाद पुलीस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। उनके पास से चार तमंचे ( देसी बंदुक ) और चाकू बरामद किये गए। पुलिस इस मामले में कुछ और आरोपियों की तलाश कर रही है।
source -Ucn News
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