October 16, 2024

प्रहार – नेतृत्व चुनने का मापदंड दोहरा तो नहीं?

देश में पिछले डेढ़ महीने से रेप के दो मामले गूंज रहे हैं. कलकत्ता (पं. बंगाल) में 31 साल की प्रशिक्षु डॉक्टर युवती से रेप और हत्या का मामला तथा बदलापुर (महाराष्ट्र) में नर्सरी की साढ़े तीन साल की बच्ची के यौन शोषण का मामला. इन दोनों निंदनीय कृत्यों की देशभर में व्यापक निंदा हुई. मांग की गई कि दोषियों को कड़ी सजा दी जाए.

इसमें कोई संदेह नहीं है कि ऐसा माहौल बनाना जरूरी है, जिसमें पूरा समाज ऐसे मामलों के खिलाफ जागरूक हो और अपराधियों को न्याय के कठघरे में लाया जाएगा और ऐसे मामले नहीं चलेंगे. लेकिन क्या आप सचमुच सोचते हैं कि समाज के सभी तत्व, सभी जाति-धर्म, पंथ के स्त्री-पुरुष ऐसे नहीं होने चाहिए? किसी भी महिला के साथ बलात्कार अस्वीकार्य है. क्या सभी जाति, पंथ, वर्ग के लोग और वास्तव में सभी राजनीतिक दल और उनसे जुड़ा मीडिया यह सोचता है कि ऐसे कृत्य करने वाले को कड़ी सजा मिलनी चाहिए? आज स्थिति यह है कि हमें इस पर चिंतन करना चाहिए.

आइये देखते हैं…. कुछ बड़े उदाहरण…..
लोकसभा चुनाव में मोदी ने जिनके लिए वोट मांगा….वो हैं ‘प्रज्वल रेवन्ना’….! 2019 के बाद से उन्होंने घरेलू कामगारों, सरकारी कर्मचारियों, पार्टी कार्यकर्ताओं, यहां तक ​​कि एक 67 वर्षीय महिला के साथ भी दुर्व्यवहार किया, यौन उत्पीड़न किया, बलात्कार किया और यहां तक ​​​​कि वीडियो भी बनाए! 2800 वीडियो बनाए गए.
अब आप कहते हैं कि मोदी जी को पता नहीं रहा होगा….

कर्नाटक के एक भाजपा नेता ने इन कृत्यों के बारे में दिसंबर 2023 में कर्नाटक भाजपा के और शीर्ष केंद्रीय नेताओं को विधिवत पत्र लिखकर सूचित कर दिया था.
उन्नाव में एक नाबालिग लड़की के साथ बलात्कार हुआ. पुलिस के जवाब न देने पर उसने मुख्यमंत्री आवास के सामने खुद को आग लगाने की कोशिश की. शिकायत दर्ज करने के बाद, उसके रिश्तेदारों की अचानक दुर्घटना में मृत्यु हो गई. फिर उसके पिता की भी पुलिस हिरासत में मृत्यु हो गई. आरोपी कौन है? वो है कुलदीप सेंगर,…
बीजेपी विधायक! उनके समर्थन में फ्लैग मार्च तक निकाला गया.

कठुआ में 8 साल की बच्ची से रेप के बाद सिर पर पत्थर मारकर हत्या की गई. आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज करने के फैसले के खिलाफ हिंदू एकता मंच ने मार्च निकाला, जिसमें आरोपियों के समर्थन में बीजेपी के नेता व उद्योग मंत्री चंद्रप्रकाश गंगा और वन मंत्री लाल सिंह आगे आये.
उत्तराखंड की अंकिता भंडारी, एक रिसॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट के रूप में काम करती थी. यौन शोषण के बाद उसकी हत्या कर दी गई. अंकिता के माता-पिता ने आरोप लगाया कि अंकिता पर रिसॉर्ट में मेहमानों को विशेष सेवाएं प्रदान करने के लिए दबाव डालने की कोशिश की जा रही थी. इसमें आरोपी थे बीजेपी नेता विनोद आर्य का बेटा पुलकित आर्य और उसके दोस्त.

दूसरी ओर यौन उत्पीड़न के खिलाफ महिला पहलवानों ने करीब तीन महीने तक विरोध प्रदर्शन किया. उन्होंने कहा कि वे मेडल छोड़ देंगे, खेल छोड़ देंगे… वे रोये, पैरों पर गिर पड़े… लेकिन बीजेपी सांसद बृजभूषण सिंह के साथ सरकार पूरी दृढ़ता से खड़ी रही.

वाराणसी में तीन लड़कों ने एक लड़की को रोका और बंदूक की नोक पर उसके साथ बलात्कार किया और उसका वीडियो भी बनाया… कौन हैं ये तीन? पांडे, चौहान और पटेल…. जो बीजेपी आईटीसेल (वाराणसी) से जुड़े थे. और ये सब रेप करने के बाद बीजेपी के प्रचार में शामिल भी हुए थे.
मणिपुर में महिला को निर्वस्त्र कर घुमाया गया. भाजपा के मुख्यमंत्री कहते हैं कि और भी ऐसी घटनाएं हुई हैं. लेकिन इससे कोई फर्क नहीं पड़ा.

गुरमीत राम रहीम… एक पार्टी का खासमखास! बलात्कार के आरोप में जेल में बंद है, पर पैरोल पर बाहर आता रहता है. बीजेपी नेता उससे चुनाव में मदद मांगते हैं.
गुजरात का बिलकिस बानो प्रकरण! उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया गया, उसके बच्चों की हत्या कर दी गई और अपराधियों को उनकी उम्रकैद की सजा पूरी होने से पहले ही उन्हें अवैध रूप से रिहा कर दिया गया. इस पर भाजपा सांसद राउलजी कहते हैं कि वे बलात्कारी संस्कारी ब्राह्मण हैं. फिर भी राउलजी को भाजपा का टिकट मिला और गुजरात की जनता ने उन्हें चुना….!!!

कर्नाटक विधानसभा में पोर्न देखने वाले बीजेपी नेता को उपमुख्यमंत्री बना दिया गया …. तो इससे प्रेरणा लेकर त्रिपुरा के बीजेपी नेता ने भी वहां की विधानसभा में पोर्न वीडियो देख लिया.
अब एक छोटी सूची देखें…
साक्षी महाराज : सांसद सेंगर के समर्थक और मार्गदर्शक
एमजे अकबर, महेश सिंह नेगी, रामदुलार गौड़, समुद्र रॉय पर 13 साल की लड़की से रेप का आरोप.
जोधपुर रेप केस : 3 आरोपी एबीवीपी से जुड़े.
दतिया रेप केस : नेता के बेटे पर लगा गैंग रेप का आरोप.
मेरठ रेप केस : वकील और 2 नेताओं पर नाबालिग लड़की से रेप का आरोप.
आसाराम बापू : एक पार्टी के खासमखास, बलात्कार के आरोप में जेल में बंद.
डीएन जीवराज : विधायक, बलात्कार का आरोप.
विजय जॉली : विधायक, बलात्कार का आरोप.
अशोक मकवाना : नेता, नाबालिग लड़की से छेड़छाड़ का आरोप.
राजीव दास : मंत्री के बेटे पर 16 साल की लड़की से सामूहिक बलात्कार का आरोप.
जयेश पटेल : नेता, बलात्कार का आरोपी,
पलाथाई बलात्कार मामला : नेता पर 10 साल की बच्ची से बलात्कार का आरोप.
मधु चव्हाण : नेता, बलात्कार और यौन शोषण का आरोपी.
अनिल भोसले : नगरसेवक, बलात्कार का आरोप.
बावनथड़े : नेता, यौन शोषण का आरोपी.
रमेश गुल्हाने : नेता, यौन शोषण का आरोपी.
शांतिलाल सोलंकी : नेता, सामूहिक बलात्कार का आरोपी.
चिन्मयानंद : मंत्री, बलात्कार का आरोपी.
उमेश अग्रवाल : नेता, बलात्कार का आरोपी.
हरक सिंह रावत: नेता, बलात्कार का आरोपी.
अशोक तनेजा : नेता, बलात्कार का आरोपी.
हामिद सरदार : विधायक, बलात्कार का आरोप.
गोविंद परुमालानी : नेता, सेक्स रैकेट का आरोपी.
सुनीता सिंह गौर : महिला मोर्चा की प्रमुख ने बयान दिया कि मुस्लिम महिलाओं का गैंग रेप करो.
माराक : नेता, सेक्स रैकेट का आरोपी.
जौनपुर कार्यालय : कार्यालय में सेक्स रैकेट का आरोप.
अब्दुल करीम : नेता, लड़कियों की बिक्री का आरोपी.
लक्ष्मण सावदी : उपमुख्यमंत्री, विधानसभा में पोर्न देखने वाले.
जादब लाल नाथ : विधायक, विधानसभा में पोर्न देखते रहे.
गंगा पांडे : महिला नेताओं और महिलाओं की बिक्री का आरोप.
जूही चौधरी : महिला नेता, छोटी लड़कियों की बिक्री.
राउलजी : बलात्कारियों को संस्कारी कहने वाले नेता.
भोजपाल सिंह : नेता, बलात्कार का आरोपी.
बैतूल रेप केस : नेता पर आदिवासी लड़की पर रेप का आरोप.
प्रमोद गुप्ता : नेता, बलात्कार का आरोपी.
हलप्पा : नेता, बलात्कार का आरोपी.
तुफ़ान रुइदास : नेता, यौन शोषण का आरोपी.
राहुल सीतलानी : नेता पर नाबालिग लड़की से रेप का आरोप.
जी राजेंद्रन : नेता, युवती को वेश्यावृत्ति में धकेलने का आरोप.
एससी वत्स : नेता, बलात्कार का आरोप.
अनीसुर रहमान : नेता, बलात्कार का आरोपी.
रमेश जारकीहोली: मंत्री, यौन शोषण के आरोपी.
श्रीकांत देशमुख : नेता, बलात्कार का आरोपी.

इससे क्या निष्कर्ष निकलता है? लेकिन भारतीय समाज को सभी बलात्कारों पर गुस्सा नहीं आता, घृणा नहीं होती. बलात्कार के मामले में पीड़िता के धर्म और जाति के अनुसार ही समाज, सरकार और सरकारी तंत्र की नीति निर्धारित होती है. वहीं, अगर बलात्कारी आर्थिक रूप से सक्षम, सामाजिक रूप से श्रेष्ठ और राजनीतिक रूप से ताकतवर हैं तो समाज, सरकार और सरकारी मशीनरी उनके पक्ष में खड़ी होती है. इसलिए हम यह नहीं कह सकते कि पूरे भारतीय समाज में बलात्कार के प्रति घृणा है. उस जगह की जातीय हकीकत के हिसाब से वहां के लोग फैसले लेते नजर आते हैं.

पिछले कुछ दिनों से हम बलात्कार की जो ख़बरें लगभग रोज़ ही मीडिया में पढ़ रहे हैं, उससे यह कहने में आपत्ति नहीं कि इस देश में नाबालिग लड़कियों से लेकर बूढ़ी महिलाओं तक कोई भी सुरक्षित नहीं है. वह आंगनवाड़ी, किंडरगार्टन में सुरक्षित नहीं है, कॉलेज में सुरक्षित नहीं है. वह न तो अस्पताल में सुरक्षित है, न ही वह पुलिस स्टेशन में सुरक्षित है! और ये स्थिति सिर्फ आज की नहीं, बल्कि पिछले कई सालों से है. कुछ नहीं बदला है. इसके विपरीत, ऐसी घटनाएं दिन-ब-दिन बढ़ती ही जा रही हैं.
केंद्र और राज्य में बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का ढिंढोरा पीटने वाली सरकार है. इसके अलावा हिंदुत्ववादी और राष्ट्रवादी भी…..!

उपर्युक्त घटनाओं को देखते हुए, आप इस पृष्ठभूमि में क्या देखते हैं? शासकों की सहज धृतराष्ट्र मुद्रा, गांधारी की भूमिका! पार्टी नेताओं की चुप्पी और पुरुष प्रतिनिधियों के बेबाक बयान….! विभिन्न मंच जो एक कुत्ते के लिए छतरियों की तरह बढ़ते हैं, जो उसे खाना खिलाते हैं! वकीलों का घिनौना व्यवहार. पुरुष आक्रामकता इतनी घिनौनी कि ‘नग्न’ शब्द मजाक जैसा लगता है.

कठुआ और उन्नाव से लेकर बदलापुर तक की घटनाओं के क्रम और विवरण को संशोधित नहीं किया जाना चाहिए, क्योंकि वे पहले से ही सभी को ज्ञात हैं. अब उस मामले में आरोपियों को तो आरोपी के पिंजरे में डालना ही है, लेकिन 56 इंच की छाती वाले सत्ताधारी बीजेपी और उसके निर्मम राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को भी इस पिंजरे में डालकर जिरह करनी चाहिए.कुल मिलाकर आज हम किस तरह के समाज में रहते हैं और क्या नेतृत्व चुनने के हमारे मानक दोहरे हो गए हैं? अब इसके परीक्षण का समय आ गया है.

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लेखक : प्रकाश पोहरे

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