बीरेंद्र कुमार झा
चुनाव आयोग में चुनाव आयुक्त अनूप चंद्र पांडे के रिटायर हो जाने और उसके बाद अरुण गोयल के अचानक इस्तीफा देने के बाद त्रिसदस्यीय चुनाव आयोग में सिर्फ मुख्य न्यायाधीश राजीव कुमार एकमात्र सदस्य बचे हैं। हालांकि चुनाव आयोग के एकमात्र सदस्य होने के बावजूद उनके द्वारा लोकसभा चुनाव 2024 को संपन्न कराने को लेकर किसी प्रकार की कोई कानूनी अड़चन नहीं थी, लेकिन इसके बावजूद इसी मुद्दे पर विपक्षी राजनीतिक दल नैतिकता का हवाला देकर नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए गठबंधन को चुनाव में घेर कर राजनीतिक लाभ सकते हैं। ऐसे में केंद्र ने चुनाव आयुक्तों के दो रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी है। संभावना है कि 15 मार्च तक दो चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति हो जाएगी। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में एक रिट याचिका दायर की गई है। इसमें चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति दिसंबर 2023 में लागू नए कानूनी प्रावधानों के बजाय अनूप वरनवाल मामले में संविधान पीठ के निर्देशानुसार करने का निर्देश देने की गुहार लगाई गई है।
क्या कहा गया है याचिका में
सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कहा गया है की चुनाव आयुक्तों की यह नियुक्ति प्रधानमंत्री विपक्ष के नेता और भारत के मुख्य न्यायाधीश के पैनल के द्वारा की जाए। शीर्ष अदालत के संविधान पीठ ने 2 मार्च 2023 को कहा था कि मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्त की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा एक पैनल की सलाह पर की जाएगी।इस पैनल में प्रधानमंत्री, विपक्ष के नेता और मुख्य न्यायाधीश शामिल होंगे।गौरतलब है कि पिछले साल दिसंबर में संसद द्वारा पारित नए कानून में शीर्ष अदालत के मुख्य न्यायाधीश की जगह एक केंद्रीय मंत्री को पैनल में रखने का प्रावधान किया गया है।
कानून की वैधता को भी चुनौती
शीर्ष न्यायालय में याचिका कांग्रेस कार्यकर्ता जया ठाकुर द्वारा दायर की गई है। इन्हीं की याचिका पर पिछले साल मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्त की नियुक्ति के लिए पैनल तैयार करने का आदेश पारित किया गया था।उन्होंने फैसले के बाद लाए गए कानून की वैधता को भी चुनौती दी थी। याचिकाकर्ता ने अदालत से केंद्र को मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्त के पदों पर नियुक्ति के लिए पिछले साल दिए गए फैसले के अनुसार मापदंडों /प्रक्रियाओं का पालन करने का निर्देश देने के लिए तत्काल निर्देश देने की मांग की है।
नया कानून स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव विरोधी
इस याचिका में कहा गया है की केंद्र सरकार द्वारा बनाया गया नया कानून स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के सिद्धांतों के खिलाफ है। इसके अलावा यह अनूप बरनवाल बनाम भारत संघ मामले में शीर्ष अदालत की ओर से निर्धारित सिद्धांतों के विपरीत है।तत्काल सुनवाई की मांग करते हुए वकील वरुण ठाकुर ने मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ के समक्ष याचिका का उल्लेख किया।इसके बाद भारत के मुख्य न्यायाधीश ने उन्हें मामले की शीघ्र सुनवाई का आश्वासन दिया।
प्रधानमंत्री का अध्यक्षता वाली समिति 14 मार्च को करेगी बैठक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय समिति चुनाव आयुक्त के दो रिक्त पदों के लिए उम्मीदवारों का चयन करने के लिए गुरुवार को बैठक करेगी।समिति में प्रधानमंत्री द्वारा नामित्य एक केंद्रीय मंत्री और विपक्ष के नेता या लोकसभा में सबसे बड़े विपक्षी दल के नेता इस बैठक में शामिल होंगे।इस तरह फिलहाल कांग्रेस नेता अधीररंजन चौधरी इसमें शामिल हैं। 9 मार्च को अरुण गोयल के अप्रत्याशित इस्तीफे के बाद तीन सदस्यीय चुनाव आयोग में मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार एकमात्र सदस्य रह गए हैं । गौरतलब है कि कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल के नेतृत्व में एक खोज समिति दोनों पदों को भरने के लिए पहले पांच- पांच नाम के दो अलग-अलग पैनल तैयार करेगी।इस समिति में गृह सचिव और कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के सचिव शामिल होंगे। बाद में प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली एक चयन समिति जिसमें एक केंद्रीय मंत्री और लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी शामिल होंगे,चुनाव आयुक्त के रूप में नियुक्ति के लिए दो व्यक्तियों का नाम तय करेगी। इसके बाद चुनाव आयुक्त की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाएगी। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार चयन समिति सदस्यों की सुविधा के आधार पर 14 मार्च को बैठक कर सकती है, और नियुक्तियां 15 मार्च तक होने की संभावना है।