बीरेंद्र कुमार झा
गुरुवार की देर शाम दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया और पूछताछ के लिए अपने साथ लेकर ईडी कार्यालय आ गई । अरविंद केजरीवाल की इस गिरफ्तारी के बाद से देश की सियासत गरमा गई है। आम आदमी पार्टी लगातार भाजपा पर हमलावर है और लोकसभा चुनाव से पहले अपने नेता गिरफ्तारी को लेकर बीजेपी पर तरह-तरह के लांछन लगा रही है।अरविंद केजरीवाल के समर्थन में राहुल गांधी भी भारतीय जनता पार्टी पर यह कहते हुए आक्रामक है कि इस समय देश में लोकतंत्र नहीं है, दूसरी तरफ बीजेपी भी भ्रष्टाचारियों को बक्सा नहीं जाएगा कहते हुए आम आदमी पार्टी और अन्य विपक्षियों पर हमलावर है।ऐसे में इन दोनों परस्पर विरोधियों के बीच की तू- तू मैं- मैं से अलग हटकर लोगों को अन्ना हजारे की प्रतिक्रिया का इंतजार है,क्योंकि एक जमाने में अन्ना हजारे के आंदोलन से ही अरविंद केजरीवाल चर्चा में आए थे।
अन्ना की पाठशाला में राजनीति का ककहरा पढ़ कर केजरीवाल ने अन्ना का किया विरोध
अन्ना हजारे की पाठशाला से राजनीति का पाठ पढ़ने के बाद अरविंद केजरीवाल ने एक तरह से अन्ना का विरोध करते हुए
न सिर्फ राजनीति में कदम रखा बल्कि चुनाव लड़ा और मुख्यमंत्रियों भी बने।इतना ही नहीं गुरुवार को शराब नीति में हेराफेरी के आरोप में ईडी के द्वारा गिरफ्तार होकर जेल भी चले गए।गौरतलब है कि अन्ना हजारे राजनीति में आकर चुनाव लड़ने की जगह इससे बाहर रहकर जनसरोकार के मुद्दे उठाकर सरकार को अपेक्षित सुधार के लिए प्रेरित या मजबूर कर जनकल्याण करवाने के समर्थक थे।
केजरीवाल के ईडी द्वारा गिरफ्तारी को लेकर अन्ना हजारे की प्रतिक्रिया
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने कहा कि उनकी गिरफ्तारी उनके अपने कर्मों की वजह से हुई है। मीडिया में चल रही खबरों के अनुसार अन्ना हजारे ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इस बात से मैं बहुत परेशान हूं कि जो अरविंद केजरीवाल मेरे साथ आंदोलन करते थे,शराब के खिलाफ आवाज उठाते नजर आते थे,वह शराब नीतियां तैयार कर रहे हैं।उन्होंने आगे कहा कि अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी उनके अपने कर्मों के कारण हुई है।लेकिन वह क्या करेंगे, सत्ता के सामने किसी की चलती नहीं है। उन्हें गिरफ्तार किया जा चुका है।अब कानून अपना काम करेगा।
2011 के अन्ना आंदोलन की उपज थे केजरीवाल
अरविंद केजरीवाल 2011 ईस्वी में तत्कालीन कांग्रेस सरकार की भ्रष्टाचार के खिलाफ अन्ना हजारे के आंदोलन में नजर आए थे। इस आंदोलन से ही वे लोगों के बीच फेमस होते चले गए। 2012 में अन्ना हजारे की नीतियों के खिलाफ चलकर उन्होंने अपनी खुद की एक राजनीतिक पार्टी (आम आदमी पार्टी) बनाई और दिल्ली विधान सभा का चुनाव लड़ा।इसमें वे पूर्ण बहुमत लाने में सफल रहे।इसके बाद वे दिल्ली के मुख्यमंत्री बनाए गए। यह वह दौर था जब उनके साथ कुमार विश्वास, योगेंद्र यादव ,प्रशांत भूषण जैसे दिग्गज लोग थे।लेकिन धीरे-धीरे अरविंद केजरीवाल ने इन लोगों से अपनी दूरी बना ली और अपनी जी हजूरी करने वाले लोगों के साथ सरकार चलाने लगे। आज अरविंद केजरीवाल के आम आदमी पार्टी के नेताओं में से अरविंद केजरीवाल समेत मनीष सिसोदिया और संजय सिंह जैसे बड़े नेता जेल में हैं।