बीरेंद्र कुमार झा
बीजेपी को लेकर अक्सर यह सुनने में आता है कि यह मूल रूप से हिंदूवादी संगठन आरएसएस के द्वारा संचालित होता है।चुनाव से लेकर बीजेपी सरकार का हर क्रिया कलाप बीजेपी ही तय करती है।इस लोक सभा चुनाव के समय कांग्रेस समेत इंडिया गठबंधन के तकरीबन हर घटक दल बीजेपी के जरिए आरएसएस द्वारा भारत की राजनीति में हिंदुत्व के विस्तार करने की बातें कर बीजेपी को लगातार लपेटे में लेने के प्रयास में जुटी हुई है।ऐसे में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने आरएसएस को लेकर बड़ी बात कह दी है।उन्होंने कहा कि बीजेपी पार्टी लगातार बढ़ रही है और अब यह उस स्थिति तक विकसित हो चुकी है, जहां इसे अब आरएसएस की जरूरत नहीं रही।अब बीजेपी अपने दम पर सक्षम है और अपना काम खुद चलाती है। उन्होंने कहा कि आरएसएस एक वैचारिक मोर्चा है,जबकि बीजेपी एक राजनीतिक पार्टी है।
पूर्व की स्थिति से बहुत बदल चुकी है बीजेपी
एक मीडिया इंटरव्यू में पूछे गए सवाल को लेकर बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के समय के बीजेपी और एक मौजूदा समय के बीजेपी में काफी कुछ बदल चुका है।इसी कड़ी में आरएसएस की उपस्थिति भी बदल गई है। पहले हम इतनी बड़ी पार्टी नहीं थे और अक्षम थे। हमें आरएसएस की जरूरत पड़ती थी, लेकिन आज हम काफी आगे बढ़ चुके हैं और अकेले दम पर आगे बढ़ने में सक्षम हैं।
वो वैचारिक रूप से अपना काम करते हैं और हम राजनीतिक रूप से
एक दूसरे सवाल कि क्या बीजेपी को अब आरएसएस के समर्थन की जरूरत नहीं है के जवाब में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि देखिए, बीजेपी पार्टी बड़ी हो गई है और सभी को अपने-अपने कर्तव्य के साथ भूमिकाएं मिल चुकी हैं।आरएसएस एक सांस्कृतिक और सामाजिक संगठन है और हम एक राजनीतिक संगठन हैं। यह जरूरत का सवाल नहीं है। वैचारिक मोर्चा होने के कारण आरएसएस अपने तरीके से अपना काम करता हैं और राजनीतिक दल होने के नाते बीजेपीअपना काम अपने रूप से करते हैं। हर राजनीतिक दलों को यही करना भी चाहिए।
फिलहाल बीजेपी की प्राथमिकता
हिंदुत्ववादी संगठन विश्व हिंदू परिषद और आरएसएस की प्राथमिकता में भले ही राम मंदिर निर्माण के बाद मथुरा और काशी भी शामिल हो सकता है ,लेकिन बीजेपी अध्यक्ष जे पी नड्डा ने बताया कि मथुरा और काशी में विवादित स्थलों पर मंदिर बनाने की बीजेपी की कोई योजना नहीं है।उन्होंने कहा कि बीजेपी के पास ऐसा कोई विचार, योजना या इच्छा भी नहीं है।उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी का सिस्टम इस तरह से काम करता है कि पार्टी की विचार प्रक्रिया संसदीय बोर्ड में चर्चा से तय होती है, फिर यह राष्ट्रीय परिषद के पास जाती है जो इसका समर्थन करती है।उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फैसला किया है कि मथुरा और काशी से इतर पार्टी का ध्यान फिलहाल गरीबों, शोषितों, दलितों, महिलाओं, युवाओं, किसानों और समाज के हाशिए पर रहने वाले वर्गों पर होगा। इन वर्गों को मुख्यधारा में लाया जाना चाहिए और सशक्त बनाया जाना चाहिए.।हमें उन्हें मजबूत करना होगा।