बीरेंद्र कुमार झा
अबकी बार बीजेपी 370 और एनडीए 400 पार का लक्ष्य तैयार करने के बाद भारतीय जनता पार्टी उत्तर से लेकर दक्षिण और पूर्व से लेकर पश्चिम तक के राज्यों में गठबंधन करने में जुट गई गई है। कुछ राज्यों में एनडीए के तहत गठबंधन करने के बाद बीजेपी ने सीट शेयरिंग के मामले में सफलता प्राप्त की है, तो कुछ राज्यों में यह मामला चुनाव की घोषणा हो जाने के बाद भी अभी तक अटका हुआ ही है। सीट शेयरिंग के मामले में बीजेपी बिहार और आंध्र प्रदेश में सफल रही है ,जबकि महाराष्ट्र,पंजाब और उड़ीसा में अभी भी सीट बंटवारे को लेकर एनडीए के घटक दलों के बीच घमासान ही मचा हुआ है । यहां इनके घटक दल भले ही ऊपर से कुछ न कहे,लेकिन अंदर ही अंदर ये अपनी काट निकलने में लगे हुए हैं।
महाराष्ट्र में चल रहा है अटकलें का दौर
महाराष्ट्र में बीजेपी, शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (अजीत पवार गुट) के साथ मिलकर लोकसभा चुनाव लड़ने की तैयारी में है, लेकिन अब तक कि यहां सीटों का बंटवारा घटक दलों के बीच नहीं हो सका है। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार राज्य में तीन सीटों को लेकर पेच फंसा हुआ है। जिन तीन सीटों पर पेच फंसा है उसने बारामती, माढ़ा और सतारा का नाम शामिल है।
इससे पहले अटकलें लगाई जा रही थी कि राज्य की 48 सीटों में से बीजेपी 31, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना 13 और अजीत सिंह की अगुआई वाला एनसीपी 4 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है। हालांकि इस फार्मूले को लेकर आधिकारिक तौर पर किसी भी दल के द्वारा कुछ नहीं कहा गया है।
उड़ीसा में भी अटकी बात
एनडीए की केंद्र सरकार को विभिन्न मुद्दों पर नवीन पटनायक के मुख्यमंत्रित्व वाली उड़ीसा की सत्तारूढ़ बिजू जनता दल के द्वारा समय-समय पर जिस प्रकार से समर्थन मिल रहा था, उसे देखते हुए यह लग रहा था कि एक लंबे समय के बाद उड़ीसा में सत्ता रूढ़ बीजू जनता दल की एनडीए में एक बार फिर से वापसी हो सकती है। इस मामले में पूर्व में इस प्रकार की बातें भी सामने आ रही थी कि लोकसभा चुनाव के लिए बीजेपी और बीजेडी के बीच सीट शेयरिंग का फार्मूला भी तैयार हो चुका है, लेकिन इसके बाद बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष मनमोहन सामल ने यह कहकर इस पर विराम लगा दिया कि बीजेपी की बीजेडी के साथ गठबंधन की कोई बातचीत नहीं चल रही है। इस बयान के बाद वे दिल्ली आ गए थे। हालांकि उन्होंने यह बताया था कि वह चुनाव की तैयारी के संबंध में दिल्ली पहुंचे थे।
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार उड़ीसा की सत्तारूढ़ बीजू जनता दल विधानसभा चुनाव में 100 से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती थी, जिसपर बीजेपी तैयार नहीं हुई, वही भारतीय जनता पार्टी लोकसभा चुनाव में वहां कि 21 में से 14 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती थी, जिसे बीजू जनता दल ने अस्वीकार कर दिया।हालांकि इसे लेकर दोनों ही दलों की तरफ से आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है।
पंजाब में क्या है एनडीए के हालात
पंजाब को लेकर यह कहा जाने लगा था कि वर्तमान लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी अपने पुराने साथी शिरोमणि अकाली दल के साथ मिलकर चुनाव लड़ सकती है। हालांकि अब हाल ही में शिरोमणि अकाली दल प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने इन अटकलें पर यह कहते हुए विराम लगा दिया कि उनका दल बीजेपी के साथ गठबंधन पर किसी भी स्तर पर नहीं पहुंचा है। हालांकि उन्होंने भविष्य में साथ आने की संभावनाओं से भी इनकार नहीं किया था।
आंध्र प्रदेश में बन गई बात
दक्षिण में लगातार विस्तार की कोशिशें में जुटी भारतीय जनता पार्टी को आंध्र प्रदेश में बड़ी सफलता मिली है ।यहां भारतीय जनता पार्टी पूर्व मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू की तेलुगु देसम के साथ- साथ पवन कल्याण की जनसेना के साथ मिलकर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है।आंकड़े बता रहे हैं कि यहां तेलगु देसम पार्टी 17 बीजेपी 6 और जनसेना 2 सीटों पर चुनाव लड़ने जा रही है।वहीं यहां होने वाली विधानसभा चुनाव में बीजेपी 10 ,जेएसपी 21 और टीडीपी 144 सीटों पर मैदान में उतरेगी।
बिहार में बनी बात, लेकिन पशुपति पारस नाराज
लोकसभा चुनाव के लिए बिहार में एनडीए के घटक दलों के बीच सीट शेयरिंग का ऐलान हो चुका है।40 लोकसभा सीटों वाले बिहार में बीजेपी 17 सीटों के साथ बड़े भाई की भूमिका में रहेगी।मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू 16 सीटों पर चुनाव लड़ेगी।वहीं, चिराग पासवान 5 सीटों पर अपनी पार्टी के उम्मीदवार उतारेंगे। इसके अलावा एक-एक सीट उपेंद्र कुशवाहा और जीतन राम मांझी की पार्टी के खाते में गई है। वहीं, केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस को एक भी सीट नहीं मिली है। एनडीए में सीट न मिलने से पशुपति पारस नाराज बताए जा रहे हैं। खबर तो यहां तक आ रही है कि लोकसभा चुनाव में सीट की जगह ऑफर किए जा रहे राज्यपाल के पद को ठुकराकर नाराज पशुपति पारस केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा देकर बीजेपी के लिए परेशानी का सबब भी बन सकते हैं।