बीरेंद्र कुमार झा
भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ के नेतृत्व में सुप्रीम कोर्ट ने ग्रामीण भारत की एक अभूतपूर्व यात्रा शुरू की है।इस यात्रा का उद्देश्य बहुत ही खास है।दरअसल न्याय तक पहुंच बढ़ाने और आम लोगों के साथ सीधे संवाद को बढ़ावा देने के लिए चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ सुप्रीम कोर्ट को गांव गांव ले जा रहे हैं।जमीनी स्तर से जुड़ने के उद्देश्य से की गई इस ऐतिहासिक पहल के तहत न्यायपालिका के शीर्ष अधिकारी गुजरात के कच्छ क्षेत्र के रण में दो दिवसीय कार्यक्रम के लिए जुटे हुए हैं।यह सम्मेलन देश के इतिहास में अपनी तरह का पहला सम्मेलन है।
शीर्ष न्यायालय के साथ,उच्च न्यायालय और निचली अदालत के जिला जज ले रहे हिस्सा
प्राप्त जानकारी के मुताबिक इस सम्मेलन में सभी उच्च न्यायालय के प्रतिनिधियों के साथ-साथ, देशभर की निकली हालातो की 250 जिला न्यायाधीश भी एक साथ कच्छ के रण में इकट्ठा हुए हैं। शनिवार और रविवार को चलने वाले इस कार्यक्रम में मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और उनके साथी न्यायाधीश सीधे जिला न्यायाधीशों से जुड़ेंगे।भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ के साथ सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस बेला त्रिवेदी भी गुजरात पहुंचे हैं।गौरतलब है कि इनमें से न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति सूर्यकांत भारत के अगले मुख्य न्यायाधीश की भूमिका निभा सकते हैं।
पारदर्शी और सुलभ न्यायपालिका को बनाए रखने में भी मदद करेगा यह अभियान
भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की इस पहल में जमीनी स्तर पर मुद्दों के समाधान के लिए कार्यक्रम आयोजित करना भी शामिल है। ई- फाइलिंग, वर्चुअल सुनवाई, संवैधानिक मामलों की लाइव स्ट्रीमिंग और क्षेत्रीय भाषाओं में फैसलों के अनुवाद के बाद सुप्रीम कोर्ट को उम्मीद है कि आम लोगों तक पहुंचाने का यह अभियान पारदर्शी और सुलभ न्यायपालिका को बनाए रखने में भी मदद करेगा।
शीर्ष न्यायालय के अन्य जजों ने भी इसे उपयोगी बताया
भारत के मुख्य न्यायाधीश से सहमति जताते हुए वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने कहा कि आम जनता तक सीधे पहुंचना न्यायपालिका और जनता के बीच की खाई को पाटने का एक प्रभावी तरीका है। इसके बाद न्यायाधीशों के बीच चर्चा हुई और फिर एक और सत्र आयोजित करने का निर्णय लिया गया, जहां निचली अदालत के न्यायाधीशों के साथ सीधी बातचीत हो सके। इस सम्मेलन में टेक्नोलॉजी, संसाधनों और अन्य तार्किक पहलुओं से संबंधित चिताओं की भी चर्चा की जाएगी।
जस्टिस ऑन व्हील
भारत के मुख्य न्यायाधीश द्वारा शीर्ष न्यायालय,उच्च न्यायालय और निचली अदालत के जिला जजों का सम्मिलित रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में आयोजित होने वाला भले ही यह पहला कार्यक्रम है। लेकिन शीर्ष न्यायालय के निर्देशानुसार निचली अदालतों के जजों द्वारा बसों में जाकर ग्रामीण क्षेत्रों में न्याय प्रदान करने का प्रयास पहले भी हुआ है। निचली अदालत के जजों द्वारा चलाए जाने वाला यह कार्यक्रम जस्टिस ऑन व्हील कहलाता था। निचली अदालत के समाप्त समय की समाप्ति के बाद या छुट्टी के दिनों में कुछ जज बसों में बैठकर जाते थे और ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों के तात्कालिक सुलाने वाले मुद्दों का समाधान करते थे। हालांकि लगातार और नियमित नहीं रहने की वजह से इस कार्यक्रम को कितनी सफलता मिली, इसके मूल्यांकन को लेकर फिलहाल कोई जानकारी नहीं है। ऐसे में भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ के द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में न्यायाधीशों के साथ जाने वाले कार्यक्रम को लगातार और नियमित किया जाएगा, तो इसका बड़ा प्रभाव न्याय क्षेत्र में जरूर देखने को मिलेगा।