न्यूज़ डेस्क
चीन इन दिनों भारत और अमेरिका के खिलाफ बहुत कुछ करता दिख रहा है। समंदर में चीन ने अपने सबसे आधुनिक और घातक सुपर कैरियर को उतार दिया है जिसकी जरूरत अभी नहीं थी। लेकिन चीन को लग रहा है कि इस सुपर कैरियर के जरिये भारत को अमेरिका को डराया जा सकता है।
भारत और अमेरिका पर आँखे तरेर रहे चीन ने अब इन दोनों देशों को टारगेट करने के लिए अपना अब तक का सबसे बड़ा दांव चल दिया है। चीन ने समंदर में अपना पहला सुपरकैरियर उतार दिया है जिसका नाम फुजियान है। कहा जा रहा है कि इससे चीन समंदर में अमेरिका और भारत की जासूसी करेगा। विशेषज्ञ इसे अमेरिका से बाहर बना अब तक का सबसे शक्तिशाली युद्धपोत मान रहे हैं। कहा जा रहा है कि अब भारत और अमेरिका को ड्रैगन की चालों से और भी ज्यादा बचकर रहना होगा।
बता दें कि चीन ने इस युद्धपोत का नाम अपने देश के फुजियान प्रांत पर रखा है। फुजियान चीन का पहला कैटोबार एयरक्राफ्ट कैरियर भी है, जिसे पूरी तरह से चीन में ही बनाया गया है। कैटोबार का मतलब है कि इसके फाइटर जेट एक गुलेल जैसे डोर की मदद से टेकऑफ और लैंड करेंगे।
बता दें कि ये चीन का सबसे आधुनिक और खतरनाक विमानवाहक युद्धपोत है। इसका पूरा नाम फुजियान सुपरकैरियर टाइप-03 है, जिसका डिस्प्लेसमेंट 71,875 टन है। 316 मीटर लंबे इस युद्धपोत का बीम 249 फीट ऊंचा है। इसमें फाइटर जेट्स के टेकऑफ और लैंडिंग के लिए तीन-तीन छोटे रनवे बनाए गए हैं।
इसे शंघाई के पास उत्तर-पूर्व में मौजूद जियांगनान शिपयार्ड में साल 2018 से बनाया जा रहा था। इस युद्धपोत पर सेल्फ डिफेंस हथियारों के लिए एचक्यू-10 शॉर्ट रेंज सरफेस-टू-एयर मिसाइल सिस्टम और 30 एमएम के एच/पी जे-11 ऑटोकैनन लगे होंगे। इसका राडार सिस्टम भी आयताकार है, जिससे यह लंबी दूरी से आनी वाली मिसाइलों और फाइटर जेट्स को ट्रैक कर सकता है। साथ ही टारगेट लॉक भी कर सकता है।
माना जा रहा है कि इस पर चीन अपने जे-15बी फाइटर जेट के अलावा नेक्स्ट जेनरेशन फाइटर जे-35 भी तैनात किया जाएगा। चीन इस युद्धपोत पर केजी-600 एईडब्ल्यूसी विमान भी तैनात करेगा, ताकि समंदर में जासूसी कर सके। साथ ही एएसडब्ल्यू एएसडब्ल्यू हेलिकॉप्टर्स और नया जे-20 मीडियम हेलिकॉप्टर भी इस पर तैनात किया जाएगा।
अमरीका ने दावा किया है कि इसे ऑपरेशनल होने में डेढ़ साल लगेंगे। अमरीकी रक्षा मंत्रालय ने जून 2022 में कहा था कि चीन भले ही इसे समुद्र में उतार ले, लेकिन पूरी तरह से ऑपरेशनल होने में इस एयरक्राफ्ट करियर को अभी डेढ़ साल और लगेंगे। फिलहाल यह युद्धपोत साल भर समुद्री ट्रायल्स में बिताएगा।