– कम समय, पैसे की कमी और सरकार के षड्यंत्रो के चलते नही भरे गए फॉर्म
नागपुर, राप्र ब्यूरो
इंडिया अगेंस्ट ईवीएम संगठन की शुरुआत 2019 में नागपुर से हुई। पहले दिन से ही ईवीएम विरोधी आंदोलन बडी तेज गति से चलाया गया। आज तक महाराष्ट्र और देश के विभिन्न राज्यों तथा शहरों में ईवीएम के विरोध में संघटन ने विस्तृत आंदोलन जन-जागरण के तहत किया है।
2024 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर आंदोलन को और तेज किया गया। भारत की पहली सब से बडी ईवीएम विरोधी परिषद नागपुर में 17 फरवरी को आयोजित की गयी, जिसमे 50 हजार से ज्यादा लोगो ने भाग लिया। संविधान चौक नागपुर में 30 दिन लगातार धरना आंदोलन किया गया। इस के फलस्वरुप सारे देश में ईवीएम विरोधी आंदोलन तेज हुआ और विपक्ष के नेता खुले तौर पर ईवीएम के विरोध में बोलने लगे। 11 मार्च 24 को हजारों की संख्या में संविधान चौक से कलेक्टर ऑफीस तक मार्च का आयोजन किया गया था। इसमें कलेक्टर को निवेदन देकर नागपुर और रामटेक लोकसभा में बेलेट से चुनाव की बात रखी गयी।
इसी दौरान चुनाव घोषित हुए और रामटेक व नागपुर लोकसभा का चुनाव भी ईवीएम मशीन से ही होगा, ऐसा कलेक्टर के माध्यम से घोषीत किया गया। वर्तमान में ईवीएम मशीन कंट्रोल युनिट को ज्यादा से ज्यादा 24 बेलेट मशीन लगाये जा सकते हैं। 1 बेलेट यूनिट पर 16 कंडीडेट के हिसाब से 24 बेलेट यूनिट से 384 कैंडीडेट तक की सीमा तय की गई है। राज्य चुनाव आयुक्त का बयान आया कि 384 से ज्यादा अगर कंडीडेट खड़े होंगे, तो चुनाव बेलेट से होगा।
ऊपरोक्त बात का संज्ञान लेकर और ईवीएम विरोधी आंदोलन को एक क्रांतिकारी दिशा में ले जाकर नागपुर और रामटेक लोकसभा में बेलेट से चुनाव हेतु 400 से ज्यादा कैंडीडेट देने का प्रयत्न करने का निर्णय संगठन ने लिया। यह कार्य काफी कठीन और मुश्किल भरा था। जिन राजनेताओं की यह जिम्मेदारी थी, उन्होंने भी इससे हाथ झटक लिए। ईवीएम से मतों की चोरी कर सरेआम देशद्रोह किया जाता है और सिस्टम भी ईसमें लिप्त है। हमने 400 कैंडीडेट खड़े करने के लिए 18 मार्च से ही पब्लिक अपील और जनजाग्रति का काम शुरु किया। अविरत आंदोलन और पब्लिक कॉल को भारी मात्रा में नागपुर और रामटेक के सजग नागरिकों ने समर्थन देकर नागपुर लोकसभा क्षेत्र से 347 नॉमीनेशन फॉर्म और रामटेक लोकसभा क्षेत्र से 207 नॉमिनेशन फार्म खरीदे। महाराष्ट्र के इतिहास में आज से पहले ईतने बड़े पैमाने पर लोकसभा उम्मीदवारी के फार्म कभी नहीं लिए गये थे।
इस संगठन ने नागरिकों में व्यापक जनजागृति कर भारी मात्रा में बेलेट पेपर से नागपुर और रामटेक लोकसभा क्षेत्र में चुनाव हो, इसलिए सोशल मीडिया से फोन कॉल और मिलकर फार्म भरने का बार-बार आवाहन किया। संगठन की तरफ से सैकड़ों नागरिकों को फार्म भरने में सहायता की गयी, जो नागरिक आर्थिक रुप से सक्षम नहीं है, उनके लिए जनता से सहायता का आवाहन भी किया गया। सैकड़ों नागरिक फॉर्म के साथ-साथ अमानत राशि भरने के लिए भी तैयार थे।
लेकिन चुनाव आयोग और कलेक्टर नागपुर ने फार्म के साथ नया अकाऊंट बना कर उसकी कॉपी फार्म के साथ जोडने को कहा था। फॉर्म में बहुत-सी डीटेल जानकारी मांगी गई थी। लेकिन सिर्फ 3 दिन की अवधि ही नॉमिनेशन फार्म लेने और सबमिट करने के लिए दी गयी। 20 से 27 मार्च के बीच में 3 दिन याने सरकारी छुट्टियां होने से बैंक भी बंद थे। अनेक नागरिकों ने विविध बैंक में नया खाता खुलवाने की अर्जी दी। कई लोगों ने फॉर्म लेने के तुरंत बाद बैंक में नया खाते खोलने की अर्जी दी। कुछ खाते संगठन की सहायता से खोले भी गये। लेकीन बैंक ने भी 2-3 दिन का समय खाता खुलवाने को मांगा। उसी के साथ कभी सर्वर का प्रॉब्लम, तो कभी कोई और प्रॉब्लम बता कर खाता जल्दी खोलने से बैंकों ने ईन्कार किया। सैकडो कैंडीडेट 3 दिन की सरकारी छुट्टी और बैंक ने अकांउट खोलने में की हुई देरी की वजह से अकांऊट और अन्य दस्तावेज, एफीडेवीट-नोटरी नहीं कर पाये। इस वजह से 26 मार्च को बडी संख्या में उम्मीदवारों ने कलेक्टर को अर्जी देकर 3 दिन फॉर्म भरने के लिए बढाने का निवेदन किया, लेकिन ईस पर कोई भी सुनवाई नहीं हुई। आखरी दिन भी सैकड़ों कैंडीडेट बैंक और एफीडेवीट कराने कतार में थे। फोरम का यह आरोप है कि जानबूझकर मोदी सरकार और चुनाव आयोग की मिलीभगत के चलते, ज्यादा उम्मीदवार फॉर्म ना भर पाये, इसलीये कम समय दिया गया। कई उम्मीदवार फॉर्म भर के तैयार थे, लेकिन उन्हें आर्थिक सहायता किसी ने नही दी।
इवीएम की धांधली चलती रहे और बीजेपी के उम्मीदवार की जीत आसान हो, इसी उद्देश्य के साथ उम्मीदवारों को फार्म भरने से रोका गया। इसके बावजूद नागपुर लोकसभा क्षेत्र से 62 उम्मीदवार और रामटेक लोकसभा क्षेत्र से 47 उम्मीदवार फॉर्म भरने में सफल रहे। दुख की बात यह कि 21 से 27 मार्च तक सिर्फ 11 से दोपहर 3 बजे तक ही फॉर्म भरने का समय रखा गया था। 27 तारीख को सैकड़ों लोगो ने फार्म भरके तैयार रखे थे, लेकिन अकांऊन्ट खोलने में आ रही दिक्कत की वजह से और सिर्फ दोपहर 3 बजे तक का ही टाईम होने के कारण सैकड़ों लोग फॉर्म नहीं भर पाये। इसके बाद नागपुर लोकसभा के 62 फॉर्म मे से 36 फॉर्म रद्द किये गये। जबकि उम्मीदवारों का कहना है कि उनके फॉर्म बराबर भरे गए थे और उनमें कोई त्रुटियां नहीं थी।
फोरम की राष्ट्रीय समन्वयिका एड. स्मिता कांबले ने यह स्पष्ट किया कि उनका आंदोलन इवीएम के खिलाफ, चुनाव आयोग के खिलाफ और मोदी सरकार के खिलाफ और तेज किया जायेगा। इस के तहत सारे पोलिंग बूथों पर ईवीएम की धांधली रोकने का प्रयास किया जायेगा। ईवीएम से टेंपरीग का प्रतिशत 10-15 या ज्यादा हो सकता है। उसे रोकने के लिए वोटों का प्रतिशत बढाने के लिए नागपुर लोकसभा और रामटेक लोकसभा क्षेत्र में व्यापक जनजागृति करने का प्रयास किया जायेगा।
इवीएम के खिलाफ व्यापक प्रचार -प्रसार किया जायेगा। बीजेपी को हराने के लिए और वोटो की लूटमार रोकने के लिए जन-आंदोलन छेडा जायेगा। फोरम का प्रत्येक कार्यकर्ता क्षेत्र में घूमकर ईवीएम की टेम्पेरींग से मतदाता को अवगत करायेगा। कांबले ने प्रेस नोट जारी कर कहा कि कुछ असामाजिक तत्व, जो फॉसीस्ट सरकार के लिए काम करते हैं, आंदोलन को बदनाम करने की कोशीश कर रहे हैं और लोगों को बरगला रहे हैं। ऐसे लोगों को उनके तरीके से और न्यायिक प्रक्रिया के तहत निपटा जायेगा। यह जानकारी एड. स्मिता कांबले और प्रीतम बुलकुंडे ने प्रेस विज्ञप्ति में दी।