बीरेंद्र कुमार झा
संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने उत्तर प्रदेश की खीरी लोकसभा सीट से केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी को मैदान में उतारने संबंधी बीजेपी के फैसले की निंदा की और किसानों से उनकी उम्मीदवारी के खिलाफ देशभर के गांवों में जुलूस आयोजित करने का आह्वान किया।
किसान टेनी के इस्तीफे की कर रहे हैं मांग
एसकेएम ने एक बयान में कहा, कि बीजेपी द्वारा लोकसभा चुनाव 2024 में उत्तर प्रदेश की खीरी सीट से 2021- 22 में हुए किसान आंदोलन के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा टेनी के पिता एवं लखीमपुर खीरी में हुई घटना के मुख्य साजिशकर्ता अजय मिश्रा टेनी को उम्मीदवार बनाने का कड़ा विरोध करता है।गौरतलब है कि अजय मिश्रा टेनी वही व्यक्ति हैं ,जिनके बेटे आशीष ने अक्टूबर 2021 में लखीमपुर खीरी में प्रदर्शनकारी किसानों पर अपनी कार कथित तौर पर चढ़ा दी थी।
अजय मिश्र टेनी को बर्खास्त कर आईपीसी के तहत मुकदमें की रखी है मांग
संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) एवम किसानों के अन्य संगठनों द्वारा चलाए जा रहे वर्तमान आंदोलन में किसानों ने अजय मिश्रा टेनी को बर्खास्त करने और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 102 के तहत उन पर मुकदमा चलाने और सजा सुनिश्चित करने की मांग की है, लेकिन मोदी सरकार न सिर्फ अपने गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी को बचा रही है,बल्कि लोक सभा चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी बनाकर उसे पुरस्कृत भी कर रही है। दरअसल ऐसे कार्यों से बीजेपी के नेतृत्ववाली मोदी सरकार किसानों को आंदोलन तेज करने के लिए भड़का रही है।
टेनी की उम्मीदवारी पर बीजेपी के विरुद्ध निर्णय लेने रामलीला मैदान में जुटेंगे किसान
एक बयान के अनुसार, एसकेएम, केंद्रीय ट्रेड यूनियनों (सीटीयू) और अन्य संगठनों के संयुक्त मंच के साथ समन्वय में किसानों की अजय मिश्रा टेनी को बर्खास्तकर आईपीसी के तहत सजा दिलाने के मांग मनाने की जगह इसकी अवहेलना कर उसे लोकसभा चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार बनाकर किसानों को बीजेपी की तरफ से दी गई इस खुली चुनौती का सामना करेगा और 14 मार्च को नई दिल्ली के रामलीला मैदान में होने वाली किसान मजदूर महापंचायत में अपनी रणनीति घोषित करेगा।
गांव -गांव में मशाल जुलूस निकलेंगे किसान
‘एसकेएम ने किसानों से खीरी सीट के लिए टेनी की उम्मीदवारी के खिलाफ और मोदी राज के तहत कॉर्पोरेट-आपराधिक सांठगांठ को उजागर करने के लिए देशभर के गांवों में मशाल जुलूस आयोजित करने का आह्वान किया है। विरोध की तारीख एसकेएम की संबंधित राज्य समन्वय समितियों द्वारा तय की जाएगी।एसकेएम ने यह भी कहा है कि 14 मार्च से पहले किसान संगठनों द्वारा दिल्ली में कोई अन्य कार्रवाई का आह्वान नहीं किया जाएगा।
कई राज्यों के किसानों का रामलीला मैदान में होगा महाजुटान
किसान संगठनों का कहना है कि केंद्र सरकार और बीजेपी संगठन के इस निर्णय के विरोध में पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, राजस्थान ,हिमाचल प्रदेश और मध्य प्रदेश के बड़े हिस्सों से किसान रामलीला मैदान में जुटेंगे।सुदूर राज्यों की राज्य समन्वय समितियों ने इस दौरान जिला और तहसील स्तरीय महापंचायत और पदयात्रा की भी योजना बनाई है। एसकेएम ने देशभर के किसानों से महिला संगठनों और अन्य जन संगठनों के साथ समन्वय करते हुए आठ मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाने की भी अपील की है।