बीरेंद्र कुमार झा
संदेशखाली मामले पर ममता बनर्जी सरकार को कोलकाता हाईकोर्ट से एक बड़ा झटका लगा है। कोलकाता हाईकोर्ट ने टीएमसी नेता शाहजहां शेख और उसका केस दोनों को आज ही सीबीआई को सौंपने का आदेश दिया है। संदेशखाली में प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों पर 5 जनवरी को हमला हुआ था। केंद्रीय एजेंसी अब निलंबित टीएमसी नेता शेख शाहजहां को जल्दी ही हिरासत में ले सकती है। शाहजहां शेख को पिछले हफ्ते उत्तर 24 परगना जिला के मिनाखान में एक घर से गिरफ्तार किया गया था।
चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली पीठ ने दिया निर्देश
चीफ जस्टिस टीएस शिवज्ञानम की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने निर्देश दिया कि मंगलवार शाम तक उनके आदेशों का पालन हो जाए। चीफ जस्टिस के इस निर्देश से ही पश्चिम बंगाल के ममता बनर्जी सरकार को बड़ा झटका लगा है।गौरतलब है कि ईडी और पश्चिम बंगाल सरकार दोनों ने एकल पीठ के उस आदेश को चुनौती दी थी और इसे लेकर अलग-अलग अपील दायर की थी, जिसमें हमले की जांच को लेकर सीबीआई और राज्य पुलिस की संयुक्त विशेष जांच टीम (एसआईटी)के गठन का आदेश दिया गया था। ईडी की मांग थी कि जांच केवल सीबीआई को ही भेजी जाए, वहीं राज्य सरकार ने जांच केवल राज्य पुलिस को देने की मांग रखी थी।
संदेशखाली में यौन अत्याचार और जमीन हड़पने के आरोप
चीफ जस्टिस टीएस शिवज्ञानम की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने इस मामले पर सोमवार को भी सुनवाई की थी। इस दौरान ईडी, राज्य सरकार और सीबीआई की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया गया था। पीठ में जस्टिस हिरण्यन भट्टाचार्य भी शामिल थे। खंडपीठ ने शेख को संदेशखाली में यौन अत्याचार और आदिवासी लोगों की भूमि हड़पने के आरोप पर स्वत: संज्ञान लेते हुए पक्षकार बनने की इजाजत दी, जिसकी सुनवाई यह खुद कर रही है।शेख के वकील ने स्वत: संज्ञान प्रस्ताव में सुनवाई की प्रार्थना की थी, जिस पर अदालत ने बुधवार को सुनवाई करने का निर्देश दिया है।
ईडी अधिकारियों पर भीड़ ने किया था हमला
संदेशखाली में टीएमसी नेता के यहां छापेमारी के दौरान लगभग 1000 लोगों की उम्र भीड़ ने ईडी अधिकारियों पर हमला किया था।इस हमले के बाद शेख को गिरफ्तार किया गया। उन्होंने कहा कि शेख की गिरफ्तारी के बाद राज्य सरकार ने मामले की जांच बसीरहाट पुलिस से लेकर अपराध जांच विभाग को सौंप दी थी। राजू ने दावा किया ऐसा शेख शाहजहां को सीबीआई हिरासत से बचाने के लिए किया गया था, भले ही जांच सीबीआई को क्यों न हस्तांतरित कर दी जाए।दरअसल किसी आरोपी की अधिकतम पुलिस हिरासत अवधि 14 दिनों की होती है। ईडी को राज्य पुलिस से जुड़ी संयुक्त जांच पर भरोसा नहीं है, क्योंकि शेख सत्ताधारी दल का एक प्रमुख नेता और प्रभावशाली व्यक्ति है।