बीरेंद्र कुमार झा
हरियाणा की राजनीति में आज का दिन एक बड़ा खेला होने का दिन है।हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर खट्टर और उनके साथी कैबिनेट मंत्रियों ने प्रदेश के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय को इस्तीफा सौप दिया है। इससे पहले उन्होंने चंडीगढ़ के हरियाणा निवास में बीजेपी और निर्दलीय विधायकों के साथ मीटिंग की और फिर राज भवन जाकर इस्तीफा सौंपा।सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार मनोहर लाल खट्टर के मंत्रिमंडल समेत इस्तीफा देने के बाद भी बीजेपी ही अब निर्दलीय विधायकों के साथ नई सरकार बनाएगी।इसके लिए इसने सभी निर्दलीय विधायकों से समर्थन पत्र ले लिया है। इसके अलावा जेजेपी के भी करीब सात विधायक पाला बदलकर बीजेपी के को समर्थन कर सकते हैं।
कांग्रेस की नजर में यह बीजेपी की बड़ी चाल
मनोहरलाल खट्टर के इस्तीफा के बाद अब हरियाणा प्रदेश की राजनीति गर्म हो गई है।इस पूरे घटनाक्रम पर कांग्रेस नेता दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने प्रतिक्रिया दी है।उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर लिखा है कि आज की घटनाक्रम पर तो मैंने 3 महीने पहले ही सिरसा में रिएक्शन दे दिया था। उन्होंने लिखा कि मैंने प्रदेशवासियों को बता दिया था कि बीजेपी और जेजेपी के बीच समझौता तोड़ने का अघोषित समझौता हो गया है। बीजेपी के इशारे पर जेजेपी और आईएनएलडी वाले कांग्रेस की वोट में सेंधमारी करने फिर से अलग – अलग आएंगे।इसके साथ हुड्डा ने एक वीडियो भी शेयर किया है जो किसी रैली का नजर आ रहा है।
हरियाणा के नए सीएम होंगे नायब सिंह सैनी
हरियाणा में बीजेपी ने अपना नया मुख्यमंत्री चुन लिया है।अब हरियाणा के नया मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी होंगे,जो आज शाम में 5:00 बजे राज भवन में मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। नायब सिंह सैनी ओबीसी चेहरा है। माना जाता है की गैर जाट राजनीति को हरियाणा में मजबूत करने की रणनीति के तहत यह फैसला लिया गया है। इसके अलावा मनोहर लाल सरकार की एंटी इनकंबेंसी फैक्टर से निपटने में भी इससे मदद मिलेगी।
दुष्यंत सिंह चौटाला की पार्टी पर भी संकट
मनोहरलाल खट्टर के इस्तीफा के बाद अब दुष्यंत चौटाला भी सत्ता से बाहर हो गए हैं। इसके अलावा उनकी पार्टी जेजेपी पर भी बड़ा संकट खड़ा हो गया है। एक तरफ चंडीगढ़ में बीजेपी की मीटिंग चल रही थी तो वहीं दूसरी तरफ दिल्ली में चौटाला ने अपने 10 विधायकों की बैठक बुलाई थी। इस मीटिंग में उनकी पार्टी के 5 ही विधायक पहुंचे।इससे पहले इस बात का कयास लग रहा था कि उनकी पार्टी का एक बड़ा धड़ा बीजेपी में जा सकता है। आज सुबह से ऐसी अटकलें लगाई जा रही थी कि 7 विधायक पाला बदलने की फिराक में है ।अब मीटिंग में पांच विधायक के विधायकों के न जाने से ऐसे कयास और मजबूत तथा पुख्ता हो गए हैं।
हरियाणा में सीटों का गणित
वर्ष 2019 में हुई हरियाणा विधानसभा चुनाव में बीजेपी के पास 41 विधायक हैं। वहीं कांग्रेस की विधायकों की संख्या 30 है। जेजीपी के पास 10 विधायक हैं। इसके अलावा निर्दलीय विधायक 7 और आईएनएलडी तथा हरियाणा लोकहित पार्टी के पास एक-एक विधायक है। गौरतलब है कि दुष्यंत चौटाला की जेजेपी इंडियन लोक दल से ही निकल कर बनी है।
बिना दुष्यंत चौटाला के ही बीजेपी बना लेगी सरकार
हरियाणा में विधानसभा की कुल 90 सीट हैं। 2019 के चुनाव में बीजेपी ने 41 सीटों पर जीत हासिल की थी। इसे बहुमत के लिए जादुई आंकड़े के लिए 46 विधायकों की जरूरत है। सूबे में कुल सात निर्दलीय विधायक हैं। इन लोगों ने बीजेपी सरकार को समर्थन देने की बात कही है। ऐसा हुआ तो बीजेपी बिना जेजेपी की ही सरकार बना लेगी। इसके अलावा इंडियन नेशनल लोकदल के एक विधायक का सपोर्ट भी बीजेपी को मिल सकता है।
लोकसभा चुनाव में सीटों में तालमेल नहीं होने से जेजेपी और बीजेपी भी अलग-अलग
हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला की सोमवार को बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात हुई थी।तकरीबन 45 मिनट तक चली इस मुलाकात में उन्होंने बीजेपी से हरियाणा में दो लोकसभा सीटों की मांग की थी। उन्होंने भिवानी- महेंद्रगढ़ और हिसार सीट पर अपना दावा ठोका था।लेकिन जे पी नड्डा ने इस बात से इनकार कर दिया और कहा कि हम अकेले ही यहां कि 10 सीट जीतने में सक्षम है।इसके बाद ही दुष्यंत चौटाला के नेतृत्व वाली जेजेपी और बीजेपी की राह अलग-अलग हो गई, जिसका पटाक्षेप मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के इस्तीफा के साथ हुआ।