बीरेंद्र कुमार झा
लोक सभा चुनाव को देखते हुए इस समय देश में कच्चातिवु का मुद्दा तेजी से गरमाने लगा है।खासकर बीजेपी,कांग्रेस और डीएमके इसे लोक सभा चुनाव में चुनावी अस्त्र बनाने में जुट गई है।गौरतलब है कि कच्चातिवु को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी ने रविवार को सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर कुछ ऐसी बात लिखी जिसके बाद से कांग्रेस हमलावर हो गई है। इस बीच विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने मामले को लेकर सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस किया और कहा कि कच्चातिवु का मुद्दा अचानक सामने नहीं आया।यह एक जीवंत मुद्दा है और संसद में अक्सर इस पर बहस की जाती रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ओर डीएमके ने कच्चातिवु मुद्दे पर ऐसा रुख अपनाया है जैसे उनकी कोई जिम्मेदारी ही नहीं है।
समुद्री सीमा रेखा खींचने के दौरान कच्चातिवु को श्री लंका की सीमा में रख दिया गया
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बताया कि साल 1974 में भारत और श्रीलंका ने एक समझौते पर साइन किया था।इस समझौते के तहत उन्होंने एक समुद्री सीमा खींची और समुद्री सीमा खींचने में कच्चातीवु को सीमा के मामले में श्रीलंकाई पक्ष पर रख दिया गया।उन्होंने कहा कि हम सभी जानते हैं कि यह किसने किया है? यह भले ही नहीं पता कि इसे किसने छुपाया?हमारा यह मानना है कि जनता को यह जानने का अधिकार है कि यह स्थिति कैसे पैदा हुई?
20 वर्षों में 6184 भारतीय मछुआरों को श्रीलंका ने लिया हिरासत में
केंद्रीय मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि कच्चातिवु मुद्दे को लेकर केंद्र और तमिलनाडु के बीच अक्सर पत्राचार होता है। मेरी ओर से 21 बार मुख्यमंत्री को जवाब देने का काम किया गया। उन्होंने कहा कि पिछले 20 वर्षों में 6184 भारतीय मछुआरों को श्रीलंका द्वारा हिरासत में लिया गया है। यही नहीं, 1175 भारतीय मछली पकड़ने वाली नौकाओं को श्रीलंका द्वारा जब्त करने का काम किया गया। यही पृष्ठभूमि है जिस मुद्दे पर हम चर्चा कर रहे हैं।पिछले पांच वर्षों में कच्चातिवू मुद्दा और मछुआरे का मुद्दा संसद में विभिन्न पार्टियों ने बार-बार उठाया है।
कांग्रेस पर जयशंकर ने किया हमला
कांग्रेस पर इशारों-इशारों में हमला करते हुए केंद्रीय मंत्री एस.जयशंकर ने कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्रियों ने भारतीय क्षेत्र के प्रति उदासीनता दिखाने का काम किया था।उन्हें कोई परवाह ही नहीं थी। उन्होंने कहा कि डीएमके ने कच्चातिवु को श्रीलंका को सौंपने पर सवाल उठाए हैं। उसकी ओर से दावा किया गया कि तमिलनाडु सरकार से विचार-विमर्श नहीं किया गया जबकि सच्चाई यह है कि उसे इसकी पूरी जानकारी दी गयी थी।
समाधान तलाशने की जरूरत
केंद्रीय मंत्री एस. जयशंकर ने कच्चातिवु मुद्दे को लेकर कांग्रेस और डीएमके पर निशाना साधते हुए कहा कि अब हम न केवल यह जानते हैं कि इसे किसने किया, बल्कि यह भी जानते हैं कि इसे किसने छिपाने का काम किया।उन्होंने कहा कि हमें एक समाधान तलाशने की जरूरत है।हमें श्रीलंकाई सरकार के साथ इस पर काम करना होगा।