बीरेंद्र कुमार झा
लोकसभा चुनाव 2024 से पहले तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस)को झटका पर झटका लग रहा है। पिछले दो दिनों के अंदर बीआरएस के दो सांसदों ने बीआरएस पार्टी छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया है।जहीराबाद संसदीय सीट से मौजूदा सांसद भीमराव बसंत राव पाटिल ने जहां शुक्रवार को बीजेपी का दामन थाम लिया, वहीं उसके एक दिन पहले नगर कुर्नूल से सांसद पोथूगंती रामुलु भी बीजेपी में शामिल हो गए। नई दिल्ली में बीजेपी कार्यालय में रामूलू को उनके बेटे भरत और तीन अन्य बीआरएस नेताओं के साथ केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने बीजेपी पार्टी में शामिल कराया था।
दो और सांसद बीजेपी में जाने के लिए हैं बेताब
सूत्रों के मुताबिक दो और सांसद केंद्र की सत्ताधारी पार्टी बीजेपी में शामिल होने के लिए पार्टी नेताओं से बात कर रहे हैं, जबकि दो अन्य सांसद राज्य की सत्ताधारी कांग्रेस में शामिल होने के लिए हाथ पैर मार रहे हैं। पिछले महीने पेडापल्ली से सांसद बोरलाकुंटा वेंकटेश और तिरुमला तिरुपति देवस्थानम ट्रस्ट बोर्ड के पूर्व सदस्य मन्ने जीवन रेड्डी ने भी भारत राष्ट्र समिति से इस्तीफा दे दिया था और नई दिल्ली में कांग्रेस का हाथ थाम लिया था।
दिसंबर में विधानसभा चुनाव में हार से मची है भगदड़
2019 के लोकसभा चुनाव में बीआरएस को तेलंगाना की 17 लोकसभा सीटों में से 9 सीटों पर जीत मिली थी,जबकि चार पर बीजेपी,तीन पर कांग्रेस और एक सीट पर एआईएमआईएम को जीत मिली थी। बीआरएस के 9 में से 3 सांसद अब तक पार्टी छोड़ चुके हैं, जबकि दो की बातचीत अंतिम दौर में है। दरअसल पिछले साल दिसंबर में हुए तेलंगाना विधानसभा चुनाव में पार्टी के हार के बाद से बीआरएस में भगदड़ मची हुई है।
पार्टी का मोरल बूस्टअप के लिए केसीआर खुद लड़ सकते हैं लोकसभा चुनाव
विधानसभा चुनाव में पार्टी की करारी हार से बीआरएस अभी तक नहीं उबर पाई है। बीआरएस का सांसद या तो राष्ट्रीय पार्टियों कांग्रेस और बीजेपी की तरफ जा रहे हैं या फिर लोकसभा चुनाव लड़ने से बच रहे हैं। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार केसीआर अपनी खोई जमीन वापस पाने के लिए और कार्यकर्ताओं में जोश भरने के लिए आगामी लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं। आगामी लोकसभा चुनाव में बीआरएस पूर्व मंत्रियों और मौजूदा विधायकों को भी चुनाव मैदान में उतरने की योजना बना रही है।