सैद्धांतिक तौर पर देखा जाए तो नेताओं को चरित्रवान, गुणवान,साहसी और विकासशील होना चाहिए, लेकिन नेताओं को लेकर इन दिनों इन मानकों का कोई महत्व नहीं है। आज महत्व सिर्फ इन बातों का है कि कौन किस तरह से कितने वोट का जुगाड़ कर चुनाव जीत पता है। राजनीतिक दल वाले भी ऐसे ही लोगों को अपने पार्टी के तरफ से ऐसे ही नेताओं को चुनाव में उतारने में ज्यादा रुचि लेते हैं। यही कारण है की लोकसभा चुनाव 2024 के चौथे चरण में 20% से भी ज्यादा उम्मीदवार दागी हैं और इनका क्रिमिनल बैकग्राउंड रहा है। कुछ नेताओं पर तो दुष्कर्म और हत्या जैसे जघन्य अपराध के भी मुकदमा चल रहा है।
360 उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज
लोकसभा चुनाव 2024 के चौथे चरण में उतरे 1717 उम्मीदवारों में 360 ने अपने खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों की जानकारी दी है। एडीआर के आंकड़ों के मुताबिक 360 उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें से 17 उम्मीदवारों को विभिन्न मामलों में दोषी ठहराया गया है।11 उम्मीदवारों पर हत्या से संबंधित मामले दर्ज हैं, 30 पर हत्या के प्रयास का आरोप है और 50 उम्मीदवारों पर महिलाओं के खिलाफ अपराध से संबंधित आपराधिक मामले दर्ज हैं, जबकि पांच उम्मीदवारों पर दुष्कर्म के आरोप हैं।
सभी राजनीतिक दलों के उम्मीदवारों के खिलाफ दर्ज है आपराधिक मामले
एडीआर रिपोर्ट के अनुसार प्रमुख राजनीतिक दलों में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के तीन में से तीन उम्मीदवार, शिवसेना के तीन में से दो उम्मीदवार, भारत राष्ट्र समिति के 17 में से 10 उम्मीदवार, कांग्रेस के 61 में से 35 उम्मीदवार और भारतीय जनता पार्टी के 70 में से 40 उम्मीदवारों ने शपथपत्र में अपने खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों की जानकारी दी है।इसके अलावा तेलुगू देशम पार्टी के 17 में से नौ उम्मीदवार, बीजू जनता दल के चार में से दो उम्मीदवार, राष्ट्रीय जनता दल के चार में से दो उम्मीदवार, शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के चार में से दो उम्मीदवार, वाईएसआरसीपी के 25 में से 12 उम्मीदवार, तृणमूल कांग्रेस के आठ में से तीन उम्मीदवार और समाजवादी पार्टी के 19 में से सात उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों की जानकारी दी है।