बीरेंद्र कुमार झा
सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने सीएए यानी नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 को लागू करने की अधिसूचना जारी कर दी।इसके साथ ही भारत में सीएए लागू हो चुका है। केंद्र के नरेंद्र मोदी सरकार ने ठीक लोकसभा चुनाव के पहले इसे लागू करने की घोषणा की। इस विवादास्पद कानून को पारित किए जाने के 4 साल बाद केंद्र सरकार की इस कदम के कारण पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत आने वाले गैर मुस्लिम प्रवासियों को नागरिकता प्रदान करने का रास्ता साफ हो गया है। हालांकि इस कानून के लागू होते ही देश के कई हिस्सों में इसे लेकर विरोध प्रदर्शन भी शुरू हो गया है। गौरतलब है कि इससे पहले का सीएए विरोधी प्रदर्शनों या पुलिस कार्यवाही के दौरान 100 से अधिक लोगों की जान चली गई थी।
असम में विपक्षी दलों ने एकजुट होकर शुरू किया विरोध प्रदर्शन
असम में विपक्षी दलों ने सोमवार को सीएए लागू करने पर भारतीय जनता पार्टी नीति केंद्र सरकार की जमकर आलोचना की। वहीं राज्य भर में सीएए के खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी शुरू हो गया है।कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्षी दलों की एक समूह और प्रभावशाली ऑल असम स्टूडेंट यूनियन सहित लगभग 30 छात्र संगठनों और स्वदेशी निकायों ने नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन तेज करने का फैसला किया है।वही 16 दल वाले संयुक्त विपक्षी मंच असम ने मंगलवार को राज्यव्यापी हड़ताल करने की घोषणा की है।
बांग्लादेश के शरणार्थियों से पट जाने का खतरा
असम में कई स्वदेशी समूह में यह डर समा गया है कि सीएए लागू होने के बाद राज्य में अवैध अप्रवासियों की आमद काफी बढ़ जाएगी। खास कर बांग्लादेश से आने वालों की संख्या में यहां काफी बढ़ोतरी हो जाएगी। ऑल इंडिया असम यूनियन के मुख्य सलाहकार समुज्ज्वल भट्टाचार्य ने बताया कि हम किसी भी तरह से सीएए को स्वीकार नहीं करेंगे और असम के लोगों के लिए हानिकारक इस कानून के खिलाफ शांतिपूर्ण अहिंसक और लोकतांत्रिक विरोध जारी करेंगे रखेंगे। आने वाले दिनों में हमारा यह विरोध और तेज होगा। उन्होंने कहा ऑल इंडिया असम यूनियन और 30 अन्य समूह मंगलवार मशाल जुलूस निकालकर इस काला कानून का विरोध करेंगे।नॉर्थ ईस्ट स्टूडेंट्स आर्गेनाइजेशन के बैनर तले मंगलवार को पूर्वोत्तर के सभी राज्यों की राजधानी में भी इसी तरह का विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मंगलवार शाम को पूरे असम में मसाला रैली निकल जाएगी और आने वाले दिनों में अन्य विभिन्न तरीकों से विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हमने सीएए के विरोध में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने के लिए पहले ही से आवेदन कर दिया है।
जामिया मिलिया इस्लामिया में प्रदर्शन शुरू
सीएए लागू किए जाने के कुछ घंटे के बाद सोमवार को दिल्ली स्थित जामिया मिलिया इस्लामिया में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया, जिसके कारण परिसर में भारी पुलिस बल तैनात किया गया। मुस्लिम स्टूडेंट्स फेडरेशन की अगवाई में विद्यार्थियों की एक समूह ने मोदी सरकार और दिल्ली पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की।कांग्रेस से संबंधित भारतीय छात्र संघ ने भी सीएए का लागू किए जाने का विरोध किया।
जामिया परिसर में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जामिया मिलिया परिसर के बाहर भीड़ को जमा होने से रोकने के लिए जामिया परिसर के आसपास सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है। जामिया के कार्यवाहक कुलपति इकबाल हुसैन ने बताया कि हमने परिसर में किसी भी तरह का आंदोलन को रोकने के लिए सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है। परिसर के पास विद्यार्थियों या बाहरी लोगों को सीएए के खिलाफ किसी भी तरह का विरोध प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।इस बीच एक वीडियो सामने आया है जिसे विद्यार्थियों का एक समूह पोस्टर और बैनर लेकर जामिया परिसर में का सीएए और एनआरसी के खिलाफ नारेबाजी करते हुए दिखाई दे रहा है।
जेएनयू के छात्रों से शांति बनाए रखने की अपील
सीएए लागू होने के बाद जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय ने सोमवार को एक परामर्श जारी करके छात्रों से सतर्क रहने और परिसर में शांति एवं सद्भाव बनाए रखने के अपील की है। यह परामर्श ऐसे समय में जारी किया गया जब केंद्र सरकार ने सीएए को लागू करने की घोषणा की। इस परामर्श में कहा गया कि परिसर में जारी छात्र संघ चुनाव प्रक्रिया और छात्र संगठनों द्वारा आयोजित किया जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों के मद्देनजर परिसर के सभी धारकों से सतर्क रहने और परिषद में शांति और सद्भाव बनाए रखने में योगदान देने की अपील की जाती है।गौरतलब है कि कि दिसंबर 2019 में राष्ट्रीय राजधानी स्थित विश्वविद्यालय परिसरों में कुछ छात्रों ने सीएए और राष्ट्रीय नागरिक पंजी वापस लेने की मांग करते हुए केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किए थे।
लोगों के साथ भेदभाव होता है तो इसका करूंगी विरोध
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को कहा कि अगर का लोगों के समूहों के साथ भेदभाव करता है तो वह इसका विरोध करेगी। सीएए और राष्ट्रीय नागरिक पंजी को पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर के लिए संवेदनशील करार देते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि वह लोकसभा चुनाव से पहले अशांति नहीं चाहती है।राज्य सचिवालय में जल्दी बाजी में बुलाए गए एक संवाददाता सम्मेलन में को संबोधित करते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि ऐसी खबरें है कि सीएए को अधिसूचित किया जाएगा।में यह स्पष्ट कर दूं कि हम लोगों के साथ भेदभाव करने वाले किसी भी चीज का विरोध करेंगे। उन्होंने कहा कि केंद्र का नियम सामने आने दीजिए।फिर हम नियमों को पढ़ने के बाद इस मुद्दे पर बात करेंगे।
गौत बुद्ध नगर जिला पुलिस अलर्ट पर
सीएए लागू करने की अधिसूचना जारी होने के बाद गौतमबुद्ध नगर पुलिस अलर्ट मोड पर है तीनों जोन के पुलिस उपायुक्त ने सोमवार शाम को पुलिस वालों के साथ अलग-अलग जगह पर पैदल मार्च किया। अधिकारियों ने बताया कि संवेदनशील जगहों पर अतिरिक्त पुलिस कर्मियों की तैनाती की गई है।संवेदनशील इलाकों में पुलिस ने अपनी गस्त बढ़ा दी है। उन्होंने बताया कि इस संबंध में पुलिस सभी धर्म गुरुओं के साथ पहले ही बैठक कर चुकी है तथा कई जगहों पर सादे कपड़ों में भी पुलिस कर्मियों की तैनाती की गई है। नोएडा जोन के डीसीपी विद्यासागर मिश्रा ने बताया कि कई हिस्से में ड्रोन कैमरे से भी निगरानी की जा रही है तथा शहर को जोन और सुपर जोन में बांटा गया है। उन्होंने बताया कि सोशल मीडिया पर नजर रखने के लिए दो दल गठित किए गए और अगर किसी ने माहौल खराब करने वाला वीडियो साझा किया और ऐसी टिप्पणी की तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।