न्यूज़ डेस्क
ईरानी राष्ट्रपति के निधन के बाद ईरान में सत्ता संघर्ष की सम्भवना से इंकार नहीं किया जा सकता। वहां अनिश्चितता की आशंका बढ़ती जा रही है। राष्ट्रपति रायसी की मौत ऐसे समय में हुई है जबकि ईरान कई घरेलू और और जियो-पॉलिटिकल चुनौतियों से जूझ रहा है। खासकर इज़रायल और हमास में चल रहे युद्ध के कारण क्षेत्रीय तनाव भी चल रहा है।
घरेलू मोर्चे की बात करें तो रायसी की मौत ऐसे समय में हुई है जब 85 वर्षीय ईरान के सुप्रीम लीडर अली खामेनेई की उम्र बढ़ने के कारण ईरान राजनीतिक परिवर्तन के अहम दौर में है। रायसी को व्यापक रूप से 85 वर्षीय खामेनेई के वफादार के रूप में देखा जाता था और उन्हें सुप्रीम लीडर के संभावित उत्तराधिकारी के रूप में भी देखा जा रहा था।
गौरतलब है कि ईरान के सुप्रीम लीडर का कार्यकाल भी 2024 में ही खत्म हो रहा है। पर अब रायसी की मौत के बाद ईरान में सत्ता-संघर्ष शुरू होने की आशंका जताई जा रही है।रायसी की मौत के बाद खामेनेई के बेटे मोजतबा खामेनेई का नाम ईरान के अगले सुप्रीम लीडर के लिए सबसे आगे चल रहा है। ईरान में वंशानुगत उत्तराधिकार की मांग जोर पकड़ रही है।
ईरान में कई मौलवियों ने वंशानुगत उत्तराधिकार का विरोध भी किया है। गौरतलब है कि ईरान में मौलवियों की एक समिति ही सुप्रीम लीडर का चुनाव करती है। लेकिन इसमें मौजूदा सुप्रीम लीडर की भी अहम भूमिका होती है।
लेकिन यह सब कुछ अपारदर्शी तरीके से परदे के पीछे होता है। ऐसे में माना जा रहा है कि रायसी के रूप में ईरान ने एक निर्विवाद उत्तराधिकारी नेता खो दिया है, जिससे ईरान में राजनीतिक संघर्ष के शुरू होने और अनिश्चितता का माहौल बनने की आशंका जताई जा रही है।