बीरेंद्र कुमार झा
पूर्व राष्ट्रीय रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली एक उच्च स्तरीय समिति ने देश भर में सभी चुनाव एक साथ करने के विषय पर अपनी रिपोर्ट गुरुवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सौंप दी है इस पैनल को कल 47 राजनीतिक दलों ने अपनी राय से अवगत कराया है। इनमें से 32 दलों ने एक देश,एक चुनाव का समर्थन किया है, जबकि 15 दलों ने इसका विरोध किया है।
छह राष्ट्रीय पार्टियों में से सिर्फ दो ने ही किया एक देश, एक चुनाव का समर्थन
पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के द्वारा एक देश एक चुनाव के मुद्दे पर जुटाई जा रही जानकारी के मुद्दे को देश की छह राष्ट्रीय पार्टियों में से सिर्फ दो ही राजनीतिक पार्टी का वैचारिक समर्थन प्राप्त हुआ है ,जबकि चार राष्ट्रीय दलों ने इसका विरोध किया है। वन नेशन वन इलेक्शन का समर्थन करने वाली राष्ट्रीय पार्टियों में बीजेपी और कोरनाड संगमा की नेशनल पीपुल्स पार्टी शामिल है। दूसरी तरफ विरोध करने वाली चार राष्ट्रीय पार्टियों में कांग्रेस ,आम आदमी पार्टी ,बीएसपी, और सीपीएम शामिल है जिनके नेताओं ने खुलकर इसका विरोध किया है। पैनल ने चुनाव आयोग से रजिस्टर्ड 62 राजनीतिक दलों से एक देश एक चुनाव के मुद्दे पर पर उनकी राय मांगी थी। इनमें से 18 राजनीतिक दलों के साथ पैनल के सदस्यों ने व्यक्तिगत विचार विमर्श किया था।
किस-किस दल ने किया समर्थन
भारतीय जनता पार्टी और नेशनल पीपल्स के अलावा जिन पार्टियों ने एक देश,एक चुनाव का समर्थन किया है उनमें तमिलनाडु की अन्नाद्रमुक ,उत्तर प्रदेश का अपना दल (सोनेलाल) ,असम गण परिषद, लोक जनशक्ति पार्टी (आर), नेशनल डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (नागालैंड )सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा, मिजो नेशनल फ्रंट और यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी लिबरल ऑफ असम, बीजू जनता दल, शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट ) अकाली दल, जेडीयू जो हाल ही में एनडीए में लौटी है और झारखंड में बीजेपी की सहयोगी दल एजेएसयू शामिल है।
किस-किस दल ने किया विरोध
एक देश एक चुनाव की नीति का जिन दलों ने विरोध किया है, उनमें चार राष्ट्रीय दल कांग्रेस, आम आदमी पार्टी , सीपीएम और बीएसपी के अलावा तृणमूल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी , सीपीआई, डीएमके, नगा पीपुल्स फ्रंट ,एआईएमआईएम, एआईयूडीएफ शामिल है।
इन दलों ने नहीं दिया कोई जवाब
एक देश एक चुनाव के मुद्दे पर तेलंगाना की भारत राष्ट्र समिति, जम्मू कश्मीर नेशनल कांफ्रेंस, पूर्व प्रधानमंत्री देवगौड़ा की पार्टी जेडीएस झारखंड की सत्ताधारी और गठबंधन की सबसे बड़ी साझेदार झारखंड मुक्ति मोर्चा,शरद पवार की एनसीपी , लालू यादव की आरजेडी, चंद्रबाबू नायडू की तेलुगू देशम पार्टी और जयंत चौधरी की आरएलडी ने रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाले एक देश एक कानून के लिए बने पैनल को अपना कोई सुझाव नही दिया है। इसके अलावा आईयूएमएल, वायएसआरसीपी और रिवॉल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी ने भी रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली पैनल को एक देश एक चुनाव के मुद्दे पर अपनी राय नहीं सौंपी है।
पैनल में क्या की सिफारिश
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सौंपी गई 18626 पेज की रिपोर्ट में पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अगुवाई वाली समिति ने कहा है कि एक देश एक चुनाव की नीति के तहत पूरे देश में एक साथ चुनाव कराए जाने से विकास प्रक्रिया और सामाजिक एकजुटता को बढ़ावा मिलेगा। इससे लोकतांत्रिक परंपरा की नींव गहरी होगी और इंडिया जो कि भारत है की आकांक्षाओं को साकार करने में मदद मिलेगी।
पैनल ने इस रिपोर्ट में पहला कदम के तहत लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के लिए एक साथ चुनाव कराने की सिफारिश की है। इसके बाद पैनल ने 100 दिनों के भीतर स्थानीय निकाय चुनाव कराने की भी सिफारिश की है। पैनल ने यह भी सिफारिश किया है कि भारत निर्वाचन आयोग राज्य चुनाव आयोग के अधिकारियों के परामर्श से एकल मतदाता सूची और मतदाता पहचान पत्र तैयार करें।
पैनल में कई संवैधानिक संशोधन की भी सिफारिश की है ,जिनमें से ज्यादातर के लिए राज्यों की अनुमोदन की जरूरत नहीं होगी। फिलहाल भारत निर्वाचन आयोग लोकसभा विधानसभा चुनाव के लिए जिम्मेदार है, जबकि नगर निकाय और पंचायत के चुनाव का प्रबंध राज्य चुनाव आयोग द्वारा किया जाता है।