अखिलेश अखिल
नीतीश कुमार पिछले दो दिन से दिल्ली में बैठे हुए हैं। किस लिए बैठे हैं यह कोई नहीं जानता। लेकिन एक खबर यह तैर रही है कि नीतीश कुमार चुनावी परिणाम से पहले बीजेपी से कुछ सौदे को अंजाम देना चाहते हैं। एक सौदा तो यही है कि जब नीतीश कुमार महागठबंधन को छोड़कर बीजेपी के साथ आये थे तब उन्होंने बीजेपी के सामने एक शर्त रखी थी कि लोकसभा चुनाव के साथ ही विधान सभा का चुनाव भी कराये। बीजेपी ने लोकसभा चुनाव के बाद ऐसा करने को कहा। अब नीतीश कुमार उस मांग पर अड़े हुए हैं। वे जानते हैं कि अगर अब बिहार विधान सभा चुनाव नहीं हुए तो उनकी पार्टी कमजोर होगी और संभवतः टूट भी जाएगी।
नीतीश कुमार हमेशा अपने मुताबिक राजनीति करते रहे हैं। उन्हों पता है कि अगर इस चुनाव में बीजेपी की भारी जीत होती है तो फिर आगे चलकर बीजेपी उनकी पार्टी को कमजोर कर देगी। नीतीश कुमार यह भी जानते हैं कि अगर इंडिया गठबंधन की सरकार बनती है तब भी उनकी पार्टी को लालू प्रसाद तोड़ सकते हैं। और यह संभव भी है।
यही वजह है कि नतीजे से ठीक पाहे नीतीश कुमार कोई बड़ा बार्गेन मोदी से करना चाहते हैं। इधर एक खबर यह आ रही है कि चुनावी नतीजे आने से पहले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज पीएम नरेंद्र मोदी से लगभग 35 मिनट तक मुलाकात की और शाम को वो गृहमंत्री अमित शाह से मिलने वाले हैं।
एग्जिट पोल के अनुमान के बाद जीत को लेकर आश्वस्त बीजेपी ने जश्न की तैयारी शुरू कर दी है। खबर आ रही है कि कल शाम नतीजे आने के बाद पीएम अपने आवास से लेकर बीजेपी हेडक्वार्टर तक रोड शो करेंगे। यह पहली बार होगे जब पीएम मोदी जीत से बाद इस तरह से जश्न मनाएंगे। पीएम मोदी प्रचार के दौरान और कई टीवी इंटरव्यू में इस बात का जिक्र कर चुके हैं कि मोदी 3.0 के अगले 100 दिन का रोड मैप बना चुके हैं। रिजल्ट आने के तुरंत बाद वो अपने काम को पूरा करने में जुट जाएंगे। लेकिन इस बीच जिस बात की सबसे ज्यादा चर्चा हो रही है वो है बिहार के सीएम नीतीश कुमार और पीएम मोदी के बीच हुई मुलाकात की।
पीएम मोदी से मुलाकात करने के बाद नीतीश कुमार गृहमंत्री अमित शाह से भी मिलेंगे। इस मुलाकात के कई मायने निकाले जा रहे हैं। एक थ्योरी यह बताई जा रही है कि बैठक में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पीएम मोदी को राज्य में हुए लोकसभा चुनाव के संभावित नतीजों के बारे में जानकारी दी है।
नीतीश कुमार की पीएम मोदी से हुई इस मुलाकात को 2019 में लोकसभा चुनाव के बाद घटे घटनाक्रम के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि नीतीश कुमार स्वयं इस बार 2019 का इतिहास दोहराना नहीं चाहते। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में एनडीए गठबंधन का हिस्सा होने और बड़ी जीत मिलने के बावजूद नीतीश कुमार केंद्र में मंत्रिमंडल के गठन को लेकर नाराज हो गए थे। भाजपा और जेडीयू दोनों ही इस बार 2019 के प्रकरण को दोहराने से बचना चाहते हैं।
लेकिन दूसरी तरफ यह कहा जा रहा है कि नीतीश कुमार बिहार के सीएम की कुर्सी छोड़ेंगे और मोदी कैबिनेट में शामिल होंगे। राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो अगर नीतीश कुमार ऐसा करते हैं तो पहली बार राज्य में कोई भाजपा नेता मुख्यमंत्री बनेगा। भाजपा आलाकमान से हुई इस मुलाकात में उन्हें मोदी मंत्रिमंडल किसी बड़ी जिम्मेदारी दी जाने की बात की बात कही जा रही है।