विकास कुमार
एप्पल के आईफोन का क्रेज दुनियाभर में है,भारत में भी एप्पल का क्रेज दिनों दिन बढ़ता ही जा रहा है। एपल कंपनी को भारत में जबरदस्त फायदा हुआ है। एपल के रेवेन्यू में बीते साल 42 फीसदी की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है। मॉर्गन स्टेनले ने अपनी रिपोर्ट में इसका खुलासा किया है,इस रिपोर्ट के मुताबिक कंपनी ने भारत में पिछले साल 8 अरब 7 करोड़ डॉलर का रेवेन्यू जेनरेट किया है। आई फोन शिपमेंट्स में पिछले साल जबरदस्त इजाफा दर्ज किया गया है। मॉर्गन स्टेनले की रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले साल आईफोन की शिपमेंट्स में 39 फीसदी का इजाफा हुआ है। कंपनी ने 92 लाख यूनिट्स की शिपमेंट की है। इससे पांच साल पहले यह केवल 1 फीसदी थी। अगर भारत इसी तरह की ग्रोथ आगे भी दिखाता रहता है तो चीन को पछाड़ कर यह 2027 तक आई फोन के लिए बहुत बड़ी मार्केट बन जाएगा। चीन में आईफोन की शिपमेंट्स में अभी फ्लैट ट्रेंड देखने को मिल रहा है। यानी कि यहां न तो घटोत्तरी है, और न ही बढ़ोत्तरी।
एपल कंपनी के सीईओ टिम कुक भी इससे पहले इस बारे में बता चुके हैं, टिम कह चुके हैं कि सबसे ज्यादा ग्रोथ दिसंबर वाली तिमाही में दर्ज की गई जब कंपनी ने डबल डिजिट में यहां ग्रोथ हासिल की थी। 2023 में जहां भारत के स्मार्टफोन शिपमेंट्स 15 करोड़ से ज्यादा यूनिट्स के साथ फ्लैट पेस में चल रहे थे। एपल ने शिपमेंट्स में 1 करोड़ यूनिट्स का आंकड़ा छू लिया।
भारत में मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए देश में नए साल से इम्पोर्ट ड्यूटी को भी घटा दिया गया है। पहले स्मार्टफोन की मैन्युफैक्चरिंग में लगने वाले पार्ट्स पर 15 फीसदी इंपोर्ट ड्यूटी लगती थी,जिसे घटाकर 10 फीसदी कर दिया गया है। इससे एपल जैसी कंपनियों को यहां स्मार्टफोन मेकिंग में बढ़ावा मिलेगा। इस कदम से एपल अब अपने हाई एंड प्रीमियम स्मार्टफोन भारत में और भी अधिक मात्रा में बना सकेगी।