विकास कुमार
अपने हक के लिए किसानों ने एक बार फिर से मोदी सरकार के खिलाफ रणभेरी बजा दी है। हाथ में झंडा लिए पंजाब,हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसान हथियार से लैस पुलिस के सामने सीना तान कर खड़े हो गए हैं। एमएसपी को कानूनी गारंटी देने के अलावा किसानों की सरकार से और भी कई मांगें हैं,लेकिन सरकार हर वार्ता में किसानों के भरोसे की हत्या कर रही है। शंभु बॉर्डर पर डटे किसानों का कहना है कि हरियाणा पुलिस के पास हथियार हैं,जबकि किसानों के पास सिर्फ झंडा और देसी जुगाड़ है। किसानों के पास ऐसा कोई हथियार नहीं है, जिनसे वे पुलिस का सामना कर सकें। पुलिस तो आक्रामक रूख दिखा रही है जबकि निहत्थे किसान डिफेंसिव मोड में हैं,लेकिन पंजाब के किसानों के समर्थन में उत्तर प्रदेश के किसानों ने भी हुंकार भर दी है। पश्चिम उत्तर प्रदेश के किसानों ने ट्रैक्टर मार्च निकाल कर अपनी मांगों का विस्तार से जिक्र किया।
शंभु बॉर्डर पर आंसू गैस के गोले दागे जाने से किसानों में आक्रोश का माहौल है। शंभू बॉर्डर पर इस वक्त करीब 15 हजार किसान मौजूद हैं। उन्हें दिल्ली की ओर बढ़ने से रोकने के लिए हरियाणा पुलिस ने 7 लेवल की बैरिकेडिंग की है। किसानों और हथियारों से लैस सिक्योरिटी फोर्स के बीच सिर्फ सौ मीटर का फासला है। किसानों ने 13 फरवरी को पंजाब से हरियाणा की तरफ बढ़ना शुरू किया था। हरियाणा पुलिस ने उन्हें शंभू बॉर्डर पर रोक दिया। 15 दिन बीत गए, शंभू बॉर्डर पर टकराव चल रहा है। शंभू बॉर्डर पर हर तरफ मिट्टी से भरी बोरियां रखी हैं। किसान बोरियों में मिट्टी भरकर उन्हें सिलने में जुट जाते हैं। इन बोरियों से बंकरनुमा दीवार बनाई जा रही हैं,किसान इन इन बोरियों से दीवार बना रहे हैं, ताकि इसके पीछे रहकर वे पुलिस की गोलियों से बच सकें। ‘पुलिस से बचने के लिए किसानों ने कोई खास तैयारी नहीं की है। कुछ किसानों के पास गैस मास्क और हेलमेट हैं, लेकिन ज्यादातर ने कपड़ा भिगोकर चेहरा ढंक लिया है।
वहीं किसान नेता राकेश टिकैत ने एक बार फिर आंदोलन की चेतावनी मोदी सरकार को दी है। राकेश टिकैत ने बताया कि उनका पूरा समर्थन पंजाब के किसानों को है।
किसानों की बदहाली किसी से छिपी नहीं है,किसान जब फसल पैदा करता है तो उसे उसका वाजिब दाम नहीं मिलता है। व्यापारियों के पास बड़े बड़े गोदाम हैं जिनमें वह माल स्टॉक करके भारी मुनाफा कमाते हैं। इसलिए ये जरूरी है कि सरकार किसानों की एमएसपी की मांग को स्वीकार करे। इससे किसानों का विकास होगा और जब किसानों का विकास होगा तभी देश का विकास होगा।