September 20, 2024

गुलाम नबी आजाद के बयान पर गरमाई राजनीति, फारूक- उमर अब्दुल्ला ने किया पलटवार

गुलाम नबी आजाद के बयान पर गरमाई राजनीति:-

लोकसभा चुनाव के पूर्व जम्मू काश्मीर में भी अब राजनीतिक माहौल गरमाने लगा है।डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (डीपीएपी) प्रमुख गुलाम नबी आजाद ने डॉ. फारूक अब्दुल्ला और उनके पुत्र तथा पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को लेकर यह बयान दिया है की इन पिता – पुत्र को जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने की जानकारी थी।गुलाम नबी आजाद के इस बयान को लेकर पलटवार किया।

गुलाम नबी आजाद का अब्दुल्ला परिवार पर बड़ा हमला,अनुच्छेद 370 हटने की थी जानकारी

लंबे समय तक कांग्रेसी रहे और अब खुद की डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी चलाने वाले गुलाम नबी आजाद ने जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और फारूक अब्दुल्ला को लेकर एक बड़ा दावा किया है। उन्होंने कहा है कि फारूक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला दोनों पिता – पुत्र रात के वक्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करते हैं। वह ऐसा इसलिए करते हैं ताकि मीडिया और जनता की नजर से बच सकें। गुलाम नबी आजाद ने कहा कि ये दोनों नेता रात को पीएम मोदी और अमित शाह से मिलने जाते हैं ,ताकि मीडिया और लोगों की नजर से बच रह सकें।उन्होंने कहा अब्दुल्ला पिता- पुत्र श्रीनगर में कुछ कहते हैं और जम्मू कश्मीर में कुछ ।ये दिल्ली जाते हैं तो उनकी भाषा एकदम से अलग हो जाती है। गुलाम नबी आजाद ने दावा किया कि बीजेपी के साथ उनके पुराने संबंध हैं। यहां तक कि जब बीजेपी पीडीपी के साथ मिलकर जम्मू कश्मीर में सरकार बना रही थी तो उस वक्त नेशनल कांफ्रेंस ने भी साथ जाने की कोशिश की थी। इतना ही नहीं गुलाम नबी आजाद ने तो अब्दुल्ला पिता पुत्र को लेकर यहां तक आरोप लगा दिया कि जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने से पहले केंद्र सरकार की तरफ से अब्दुल्ला पिता- पुत्र को इस फैसले की जानकारी दी गई थी। उन्होंने कहा कि 3 अगस्त 2019 को एक मीटिंग पीएम मोदी और अब्दुल्ला के बीच हुई थी। यहां अब्दुल्ला पिता पुत्र ने ही नरेंद्र मोदी को सुझाव दिया था कि वह घाटी में नेताओं को नजर बंद कर दें जिससे इन लोगों का राज सुरक्षित रह सके।

डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने गुलाम नबी आजाद के आरोपों में जताई नाराजगी

डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने गुलाम नबी आजाद के आरोप पर नाराजगी जताते हुए कहा कि अगर मुझे प्रधानमंत्री मोदी या अमित शाह से मिलना है तो मैं दिन में ही मिलूंगा। रात में किस कारण से मिलूंगा। अफसोस है कि वह जोर देकर कह रहे हैं। लगता है कि वह बदनाम करना चाहते हैं।’ फारूक अब्दुल्ला ने आगे कहा कि उन्हें (गुलाम नबी आजाद को) याद रखना चाहिए कि जब कोई नहीं चाहता था कि उन्हें राज्यसभा की सीट मिले, तो उनके कहने पर ही उन्हें राज्य सभा की सीट दी गई थी।उन्होंने कहा, ‘2014 में फिर से जब राज्यसभा की सीट मिलनी थी तो उस समय मैं विदेश में इलाज करवा रहा था। उस समय सोनिया गांधी ने उमर से सीट के लिए कहा था। उमर ने फोन कर बताया था, जिसके बाद मेरे कहने पर ही सीट दी गई।’

गुलाम नबी आजाद के आरोप पर उमर अब्दुल्ला ने की तल्ख टिप्पणी

गुलाम नबी आजाद द्वारा अनुच्छेद 370 के हटाए जाने के मामले में बीजेपी के साथ होने का पिता समेत खुद पर आरोप लगाने को लेकर उमर अब्दुल ने तल्ख टिप्पणी की है। उमर अब्दुल्ला ने एक्स पर किए पोस्ट में लिखा कि वाह भाई वाह गुलाम नबी आजाद ,आज इतना गुस्सा ! उन्होंने कहा कि वह गुलाम कहां है जो 2015 में जम्मू-कश्मीर में राज्यसभा सीट के लिए हमसे गुहार लगा रहा था?’उमर ने आगे कहा कि गुलाम नबी आजाद कहते हैं कि उमर को 370 के बारे में पता था। तो फिर भी हमें पीएसए के तहत आठ माह से अधिक समय तक हिरासत में रखा गया और आप स्वतंत्र थे। आपको अपना मंत्री का बंगला रखने की अनुमति है? उस पद्म पुरस्कार को न भूलें जिसके लिए आप कांग्रेस छोड़ने और चिनाब घाटी में बीजेपी की मदद करने के लिए सहमत हुए थे।’

मैने कभी यह दावा नहीं किया : आजाद

गुलाम नबी आजाद ने कहा कि ‘मैंने कभी यह दावा नहीं किया कि वह (फारूक अब्दुल्ला) उनसे (पीएम मोदी) मिले थे। मैंने कहा कि दिल्ली में सूत्रों से पता चला है कि वह केंद्रीय नेतृत्व से मिलने की कोशिश करते हैं, वह भी सिर्फ रात में। मैंने कभी नहीं कहा कि उनसे मुलाकात हुई या अपॉइंटमेंट मिला।’

डीपीएपी के मुख्य प्रवक्ता का पलटवार

डीपीएपी के मुख्य प्रवक्ता सलमान निजामी ने उमर अब्दुल्ला के पोस्ट पर पलटवार करते हुए डॉ. फारूक का प्रधानमंत्री के साथ पुराना फोटो जारी किया है। इसमें नेकां सांसद हसनैन मसूदी भी हैं। साथ ही पोस्ट में लिखा कि उमर अब्दुल्ला एनडीए के साथ अपने पिछले गठबंधन और बीजेपी में मंत्री के तौर पर अपनी भूमिका से इनकार नहीं कर सकते। अनुच्छेद 370 हटने से कुछ ही दिन पहले उन्होंने अन्य सांसदों के साथ पीएम मोदी से मुलाकात की थी। वह अपने पूर्व सलाहकार दविंदर राणा के इस दावे का खंडन क्यों नहीं करते कि वह अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद भी बीजेपी के साथ गठबंधन की मांग कर रहे थे? ये जनता है सब जानती है।