September 19, 2024

चुनावी बांड पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, स्टेट बैंक की दिया केवल कल तक का वक्त

बीरेंद्र कुमार झा

चुनावी बांड का मुद्दा देश में पक्ष और विपक्ष के लिए एक अहम मुद्दा बन गया है,जिसके सहारे ये एक दूसरे को सह और मात देने में जुट गए हैं।यही कारण है कि जब एसबीआई चुनाव आयोग को चुनावी बांड से जुड़ी जानकारी देने के लिए 30 जून तक का मोहलत मांगने के लिए सुप्रीम कोर्ट चला गया, तो विपक्षी दल भी इसे लेकर सरकार को घेरते अवमानना का मुद्दा लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए।विपक्ष का आरोप था कि केंद्र की नरेंद्र मोदी की सरकार एसबीआई पर दबाव बनाकर चुनावी बॉन्ड के इस मामले को चुनाव तक टालना चाहती है ताकि चुनाव में इसे लेकर उसकी किरकिरी ना हो जाए और उसका मत ना प्रभावित हो सके।

सुप्रीम कोर्ट में पांच जजों की संविधान पीठ ने की सुनवाई

चुनावी बॉन्ड को लेकर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान शीर्ष न्यायालय की ओर से एसबीआई के अबतक के रवैया को लेकर सख्त लहजे का इस्तेमाल किया गया। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली 5 जजों की संविधान पीठ ने भारतीय स्टेट बैंक ( एसबीआई) के चुनावी बॉन्ड से जुड़ी जानकारी देने की समय सीमा को बढ़नेवाली याचिका को खारिज करते हुए कड़ी फटकार भी लगाई।शीर्ष अदालत ने कहा कि बैंक ने जानबूझकर न्यायायलय के आदेश की अवहेलना की है और इसके लिए अवमानना का भी केस चलाया जा सकता है।शीर्ष न्यायालय ने सख्त आदेश देते हुए कहा कि 12 मार्च तक ही चुनावी बॉन्ड से जुड़ी जानकारी चुनाव आयोग को सौंप दी जाय।गौरतलब है की शीर्ष न्यायालय ने फरवरी महीने में चुनावी बॉन्ड पर रोक लगाई थी।

मजबूर किया तो अवमानना का चलेगा केस

सुप्रीम कोर्ट ने देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई के डायरेक्टर को निर्देश दिया है कि वह अदालत में एक हलफनामा जमा कर बताएं कि 26 दिनों में उसने क्या किया? कोर्ट ने कहा कि हम अभी नहीं चाहते हैं कि अवमानना का केस चलाया जाए, लेकिन अगर एसबीआई जानबूझकर इसी तरह आदेश का उल्लंघन करेगी और निर्देशों का पालन नहीं करेगी तो न्यायलय को अवमानना की प्रक्रिया के लिए मजबूर होना पड़ेगा।

शुक्रवार की शाम 5 बजे तक चुनावी बॉन्ड के आंकड़े वेबसाइट पर प्रदर्शित करे चुनाव आयोग

सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ वाली बेंच ने चुनाव आयोग से कहा है कि वह सभी चुनावी बांड के आंकड़े को जुटाकर शुक्रवार की शाम 5:00 बजे तक अपनी वेबसाइट पर इसे प्रकाशित कर दें। अदालत ने एसबीआई को चुनावी बॉन्ड की जानकारी चुनाव आयोग को देने के लिए 6 मार्च तक का समय दिया था,वही बैंक का कहना था कि आंकड़ा इकट्ठा करने और उन्हें क्रॉस चेक करने में समय लग जाएगा।इसलिए समय को 30 जून तक बढ़ा दिया जाए, तब तक आम चुनाव भी हो जाएंगे।

एसबीआई के मुंबई ब्रांच में है सारी जानकारी

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि चुनावी बांड के जरिए चंदा देने वालों की सारी जानकारी एसबीआई के मुंबई ब्रांच में मौजूद है।केवल इसे वहां से बाहर निकलना है। कोर्ट ने कहा कि उनके आदेश को 26 दिन हो गए हैं और अब तक काम पूरा हो जाना चाहिए था। एसबीआई से इस तरह की उम्मीद नहीं थी। सुप्रीम कोर्ट ने एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म (एडीआर)की याचिका पर भी सुनवाई की। एडीआर ने ही चुनावी बॉन्ड स्कीम के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका फाइल की थी। चुनावी बांड की स्कीम मोदी सरकार ने 2017 में शुरू की थी। एडीआर ने मांग किया है कि एसबीआई के खिलाफ अवमानना का केस चलाया जाए।

सुप्रीम कोर्ट की पांच बड़ी बातें

* सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इलेक्टोरल बॉन्ड को लेकर पर्याप्त जानकारी एसबीआई के पास मौजूद है।एसबीआई के जवाब से पता चलता है कि उसके पास सारी जानकारियां हैं। ऐसे में उसकी 30 जून तक की समय देने की मांग खारिज की जाती है। इसके अलावा एसबीआई को निर्देश दिया जाता है कि 12 मार्च तक सारी जानकारी सौंप दे।

* पांच जजों की बेंच ने सरकारी बैंक एसबीआई को चेतावनी दी है कि अगर कोर्ट के निर्देशों का पालन नहीं किया जाता है तो उसके खिलाफ अवमानना की कार्यवाही की जाएगी।

* शीर्ष न्यायालय ने कहा कि हमने 15 फरवरी को आदेश दिया था। आज 11 मार्च है।26 दिनों में आपने क्या किया ?जवाब में इस बारे में कुछ नहीं बताया गया है। हम एसबीआई से स्पष्ट जवाब की उम्मीद करते हैं।

* कोर्ट ने कहा कि 15 फरवरी के फैसले में साफ कर दिया गया था कि एसबीआई को केवल कवर खोलना है और जानकारी को सीधा चुनाव आयोग को दे देना है। यह गंभीर मामला है और आप इस तरह से तारीख बढ़ाना चाहते हैं। आप देश का नंबर एक बैंक है। हम उम्मीद करते हैं की एसबीआई आगे आकर सारी जानकारी देगा।

* कोर्ट ने कहा कि खत्म की गई चुनावी बांड स्कीम में भी कहा गया था कि इसे खरीदने वाले की सारी जानकारी उस वक्त देनी होगी, जब कोई एजेंसी केस दर्ज करेगी। स्कीम की शर्त के मुताबिक भी एसबीआई को सारी जानकारी दे देनी चाहिए।