हार्ट अटैक आजकल काफी कॉमन होता जा रहा है. ज्यादातर युवा इसकी चपेट में आ रहे हैं. खानपान और लाइफस्टाइल में गड़बड़ी की वजह से इसका खतरा बढ़ रहा है. दिल का दौरा पड़ने की तरह ही कार्डियक अरेस्ट का जोखिम भी लगातार बढ़ रहा है.
बहुत से लोगों को लगता है कि हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट एक ही हैं लेकिन दोनों में काफी अंतर है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक, दोनों को लक्षण काफी हद तक एक समान होते हैं, जिससे इनका अंतर समझ पाने मुश्किल हो सकती है. ऐसे में दोनों को सही तरह समझना जरूरी है. आइए जानते हैं हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट में क्या अंतर है…
हार्ट अटैक क्या होता है
हार्ट अटैक (Heart Attack) में इंसान के दिल में ठीक तरह से ब्लड की सप्लाई नहीं हो पाती है, जिससे दौरा पड़ता है यानी हार्ट अटैक आता है. हार्ट अटैक आने पर चेस्ट को तेजी से दबाकर ब्लड सर्कुलेशन शुरू कर सकते हैं.
मतलब दिल के अंदर ब्लड सर्कुलेशन रुकने पर हार्ट काम करना बंद कर देता है, जिसे हार्ट अटैक कहा जाता है. हार्ट अटैक में दिल धड़कता रहता है, लेकिन मांसपेशियों को सही तरह खून नहीं मिल पाता है. इस समय शरीर के बाकी हिस्सों में ब्लड सर्कुलेशन होता रहता है. हार्ट अटैक आने पर इंसान होश में रहता है.
हार्ट अटैक के क्या-क्या लक्षण हैं
छाती में दर्द, बेचैनी
जी मिचलाना
सीने में जलन
अपच या पेट दर्द
थकान और सूजन
ठंड लगना
बांह में दर्द
गले या जबड़े में दर्द
चक्कर आना
कार्डियक अरेस्ट क्या होता है
कार्डियक अरेस्ट में इंसान का हार्ट ब्लड पंप करना बंद कर देता है. जिसकी वजह से मरीज सांस सही तरह नहीं ले पाता है. ज्यादातर मामलों में कार्डियक अरेस्ट का शिकार व्यक्ति बेहोश हो जाते हैं. कार्डियक अटैक में हार्ट में खून तो पहुंचता है लेकिन सही तरह पंप नहीं हो पाता है. जिससे दूसरे अंगों तक ब्लड और ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाता है. ऐसे में शरीर के दूसरे हिस्से काम करना बंद कर देते हैं. दिल की धड़कन भी बंद हो जाती है और व्यक्ति सांस भी नहीं ले पाता है. हार्ट अटैक में भी कार्डियक अरेस्ट हो सकता है.
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