September 17, 2024

बिहार जदयू में बड़े बदलाव की तैयारी ,बेटे निशांत कुमार पर बड़ा दाव लगा सकते हैं नीतीश कुमार !

न्यूज़ डेस्क

लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण के बीच ही बिहार से एक बड़ी खबर सामने आ रही है। जानकारी के मुताबिक़ सीएम नीतीश कुमार न सिर्फ पार्टी को बचाने के लिए बड़े बदलाव की तैयारी कर रहे हैं बल्कि अपने बेटे निशांत कुमार को भी जदयू में बड़ी जिम्मेदारी देने की तैयारी कर रहे हैं।

नीतीश की तबीयत बिगड़ने की खबरें आ रही हैं. इससे जदयू के भविष्य को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं। बिहार में एक वर्ग को लगता है कि जद (यू) जल्द ही टूट जाएगा और गायब हो जाएगा। इसके बचे हुए लोग अन्य दलों बीजेपी और आरजेडी या अन्य पार्टियों में विलय कर लेंगे। लेकिन ऐसा लगता है कि नीतीश ने पार्टी को बरकरार रखने और सत्ता में बनाए रखने की योजना पर काम किया है। सूत्रों का कहना है कि उन्होंने पहले ही पार्टी के पुनर्गठन की योजना बना ली है।

नीतीश पार्टी की कमान अपने भरोसेमंद सिपहसालार श्रवण कुमार को सौंपेंगे। श्रवण कुमार फिलहाल बिहार में ग्रामीण विकास मंत्री हैं और उनके सबसे करीबी सहयोगियों में से एक हैं। श्रवण कुमार के प्रमुख राजनीतिक निर्णयों में शामिल रहते हैं। जनता दल यूनाइटेड जबतक इंडिया गठबंधन का हिस्सा था तब श्रवण कुमार को उत्तर प्रदेश में तैनात किया गया था। यह बताया जा रहा था कि वह वाराणसी लोकसभा क्षेत्र से प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे थे।

राजनीतिक जानकार बता रहे हैं कि श्रवण कुमार की पार्टी अध्यक्ष के रूप में पदोन्नति होगी और उन्हें आगे नीतीश कुमार की जगह निशांत के सलाहकार की भूमिका मिल सकती है। अभी निशांत की उम्र 49 वर्ष है और इंजीनियरिंग से ग्रेजुएट हैं। वह अपने पिता नीतीश कुमार के साथ रहते हैं लेकिन अब तक उन्होंने राजनीति से दूरी बना रखी है।

हालांकि लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान उन्हें हाल ही में अपने पिता के साथ विभिन्न यात्राओं पर देखा गया है। पिता-पुत्र की जोड़ी ने हाल ही में अपने गृह जिले नालंदा का दौरा किया था, जहां उन्होंने एक मंदिर में एक साथ प्रार्थना की और सामाजिक और राजनीतिक कार्यक्रमों में भाग लिया।

नीतीश जो परिवार की राजनीति से अबतक दूर रहे और इसके मुखर विरोधी रहे, अब कैरियर के ढलान पर पुत्र मोह के शिकार होते दिख रहे हैं। जाहिर सी बात है कि अगर निशांत राजनीति में आएंगे तो उनपर विपक्षी दलों के लोग हमला शुरू कर देंगे। नीतीश परिवार को राजनीति में लाने के अपने सिद्धांत से अगर पलटेंगे तब उनपर एक बार फिर से ‘पलटू राम’ होने का पुख्ता का प्रमाण मिल जाएगा। उन्होंने हाल ही में परिवारवाद की राजनीति के लिए राष्ट्रीय जनता दल प्रमुख लालू यादव पर हमला बोला था। ”