September 17, 2024

मणिपुर में लोकसभा चुनाव टालने के लिए सीजेआई चंद्रचूड़ और चुनावआयोग से गुहार

बीरेंद्र कुमार झा

सात चरणों में संपन्न होने वाले लोकसभा चुनाव 2024 की अधिघोषणा के बाद से ही चुनाव आयोग इसे शांतिपूर्ण ढंग से सम्पन्न कराने की तैयारियों में जुटा गया है। चुनाव आयोग अपनी मशीनरी की मदद से हर जगह की स्थिति और परिस्थिति का मूल्यांकन कर रहा है। इस बीच दिल्ली मैतेई कॉर्डिनेटिंग कमेटी ( डीएमसीसी) ने मणिपुर में लोकसभा चुनाव स्थगित करने की मांग की है।डीएमसीसी में कई मैतेई संगठन शामिल हैं, जिन्होंने चुनाव आयोग और भारत के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचुड़ को पत्र लिखकर मणिपुर में चल रही जातीय हिंसा के कारण वहां लोकसभा चुनाव स्थगित करने की मांग की है।गौरतलब है कि
मणिपुर की दो संसदीय सीटों आंतरिक मणिपुर और बाहरी मणिपुर के लिए मतदान की तिथि 19 और 26 अप्रैल है।डीएमसीसी को इन क्षेत्रों में सुरक्षा को लेकर चिंता है।

मणिपुर में अशांति और कानून-व्यवस्था का दिया हवाला

दिल्ली मैतेई कॉर्डिनेटिंग कमेटी की ओर से दी गई याचिका में मणिपुर में अशांति और कानून-व्यवस्था को लेकर कई मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए इस समय वहां चुनाव कराने को लेकर चिंता व्यक्त की गई है।दिल्ली मैतेई कॉर्डिनेटिंग कमेटी में दिल्ली मैतेई, लिकलाम नगाक्पा, एरामदाम मणिपुर और अंतर्राष्ट्रीय मैतेई जैसे संगठन शामिल हैं, जो 3 मई 2023 से मणिपुर में लगातार हो रहे जातीय हिंसा पर सरकार की आलोचना कर रहा है। इन संगठनों के अनुसार मणिपुर में कुकी – मैतेई के बीच हुई हिंसा से वहां की जनता का मानसिक, आर्थिक और राजनीति नुकसान हुआ है।

चुनाव आयोग की एक टीम ने इंफाल का दौरा किया

लोकसभा चुनाव की तैयारियों का जायजा लेने के लिए चुनाव आयोग की एक टीम ने मणिपुर की राजधानी इंफाल का दौरा किया।राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों ने चुनाव की तैयारियों के लेकर चुनाव आयोग को सबकुछ ठीक ठाक होने का आश्वासन दिया और एक टीम को क्षेत्र में जांच के लिए भेजा।

कुकी – मैतेई समुदायों के बीच चल रहा है हिंसा का दौर

डीएमसीसी के अनुसार, मैतेई और कुकी समुदाय के बीच चल रहे हिंसा में 221 लोगों की जानें चली गई, जिसका खामियाजा मैतेई, कुकी और अन्य समुदायों को भुगतना पड़ रहा है।इस हिंसा से बड़ी संख्या में बेरोजगारी के साथ-साथ किसानों को खेती में भी काफी नुकसान का सामना करना पड़ा है।