September 8, 2024

सीमांचल में बैकफुट पर ओवैसी,एआईएमआईएम ने पूर्णिया व कटिहार से दावेदारी वापस ली

बीरेंद्र कुमार  झा

असीदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाली एआईएमआईएम पार्टी पर अक्सर विरोधी दलों के नेताओं द्वारा बीजेपी की बी टीम होने का दावा किया जाता रहा है।लेकिन अब ओवैसी विपक्षी दलों के इस दावे को पूरी तरह से झुठलाने में लग गई है।इस लिहाज से इसने बिहार में लोकसभा चुनाव को लेकर बड़ा सियासी उलटफेर किया है।सीमांचल में अपनी मजबूत पैठ रखने वाले असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन यहां बैकफुट पर आ गयी है। यह यहां अब केवल किशनगंज और अररिया इस दो सीट पर ही चुनाव लड़ेगी।पार्टी ने पूर्णिया और कटिहार से अपनी उम्मीदवारी वापस ले ली है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अख़तरूल ईमान ने कहा है कि एआईएमआईएम सीमांचल की दो सीटों पर ही लोकसभा का चुनाव लड़ेगी, जबकि एआईएमआईएम ने कुछ दिनों पहले ही यह दावा किया था कि एआईएमआईएम बिहार में 13 सीटों पर चुनाव लड़ेगी।

समान विचारधारा वाले दल को देंगे समर्थन

अख़तरूल ईमान ने कहा है कि उनकी पार्टी दो सीटों को छोड़कर शेष सीटों पर समान विचारधारा व सांप्रादायिक ताकतों से लड़ने वाले उम्मीदवार को अपना समर्थन देने पर विचार कर रही है। पार्टी इसके पहले गया लोकसभा सीट से अपनी उम्मीदवारी वापस ले चुकी है। पूर्णिया सीट पर आरजेडी (बीमा भारती) और जेडीयू (संतोष कुशवाहा) के बीच पहले सीधी टक्कर थी, लेकिन पप्पू यादव ने गुरुवार को इस सीट से नामांकन कर मुकाबले को त्रिकोणीय बना दिया है।वहीं कटिहार लोकसभा सीट की बात करें तो यहां सीधा मुकाबला कांग्रेस (तारिक अनवर) और जेडीयू (दुलाल चंद गोस्वामी) के बीच है।कटिहार और पूर्णिया सीट पर दूसरे चरण के दौरान 26 अप्रैल को मतदान होगा।

सीमांचल में है जनाधार

एआईएमआईएम ने सीमांचल खासकर किशनगंज, अररिया और पूर्णिया में अच्छा-खासा जनाधार बनाया है।2020 के पिछले विधानसभा चुनाव में इसे तीनों जिलों में जीत का स्वाद चखने का भी मौका मिला था। यहां से उसके पांच विधायक जीते थे। इनमें किशनगंज लोकसभा क्षेत्र में बहादुरगंज, कोचाधामन, अमौर और बायसी जबकि अररिया लोकसभा क्षेत्र में जोकीहाट में उनका विधायक जीता था।हालांकि तकनीकी रूप से अमौर व बायसी पूर्णिया जिला का प्रखंड है,लेकिन लोकसभा चुनाव में यह किशनगंज लोकसभा के क्षेत्र के अंतर्गत आता है।किशनगंज लोकसभा सीट से अमौर के विधायक व एआईएमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरूल ईमान खुद चुनाव लड़ रहे हैं। उन्होंने पिछली बार भी किशनगंज से ही लोकसभा का चुनाव लड़ा था, लेकिन त्रिकोणात्मक लड़ाई में यहां से कांग्रेस की जीत हुई थी।

महागठबंधन को मिली बड़ी राहत

एआईएमआईएम की इस घोषणा से महागठबंधन को बड़ी राहत मिली है ।इनके समक्ष एआईएमआईएम की उम्मीदवार के रहने से जो मुस्लिम वोटरो में बंटवारे के हालात बन सकते थे, उसके अब नहीं होने की संभावना बढ़ गई है।एआईएमआईएम के इस एलान के बाद जेडीयू ने इसपर तीखा हमला बोला है।जेडीयू ने आरोप लगाया है कि एआईएमआईएम ने पैसे लेकर अपना उम्मीदवार वापस ले लिया है जदयू एमएलसी खालिद अनवर ने एआईएमआईएम पर आरोप लगाया है कि एआईएमआईएम के इस एलान से साफ है कि पार्टी या तो महागठबंधन के साथ सहयोगी हो गई है या तो फिर पैसे का खेल हुआ है, लेकिन जनता सब देख रही है कि कैसे परिवारवादी और भ्रष्ट पार्टी के समर्थन में एआईएमआईएम खड़ी होती दिख रही है।