October 16, 2024

शेख हसीना भारत के लिए बनीं मुसीबत, बांग्लादेश नहीं भेजा गया तो टूट जाएगी संधि

नई दिल्ली: बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना भारत के लिए मुसीबत बन चुकी हैं। उन्हें बांग्लादेश भेजने को लेकर भारत धर्म संकट में है। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार बार-बार भारत से शेख हसीना को प्रर्त्यपण करने को कह रहा है। अब ये मामला तूल पकड़ता जा रहा है।

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार सरकार के प्रमुख सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने न्यूयॉर्क में आईसीसी यानी अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय (ICC) के वकील करीम एए खान से मुलाकात की। जिसके बाद से शेख हसीना के प्रत्यर्पण का मामला एक बार फिर से तूल पकड़ लिया। माना जा रहा है कि अगर भारत शेख हसीना को बांग्लादेश प्रत्यपर्ण नहीं करता है तो दोनों देश के बीच हुई संधि टूट सकती है।

धर्म संकट में भारत

अब ऐसे में भारत क्या कदम उठाएगा, इस पर दुनिया की नजरें टिकी हैं। वैसे तो इसकी संभावना कम है कि भारत शेख हसीना को प्रत्यपर्ण करेगा। हालांकि, भारत और बांग्लादेश के बीच साल 2013 में प्रत्यर्पण संधि की गई थी। इस प्रत्यर्पण संधि के मुताबिक, दोनों देशों को एक-दूसरे के अपराधी सौंपने पड़ते हैं।

प्रत्यर्पण संधि में और क्या है प्रावधान

दरअसल, भारत और बांग्लादेश के बीच साल 2013 से प्रत्यर्पण संधि है। इसमें प्रावधान है कि अगर किसी व्यक्ति ने ऐसा अपराध किया है, जिसमें कम से कम एक साल की सजा सुनाई गई हो, तो उसे प्रत्यर्पित किया जाएगा। बांग्लादेश ने साल 2015 में अनूप चेतिया को भारत को सौंपा था। ये शख्स असम के अलगाववादी संगठन उल्फा का नेता था। जो साल 1997 में ढाका की जेल में बंद था।