September 8, 2024

गजब की इंजीनियरिंग,ऊपर रहेगा पानी, नीचे दौड़ेगी मेट्रो ट्रेन, नहीं रुकेगी नदी की धार

बीरेंद्र कुमार झा

लंदन और पेरिस जैसे विदेशी शहरों में चलने वाले अंडरवाटर मेट्रो की बातें अक्सर लोगों को हैरान किया करते थे, लेकिन अब भारत के कोलकाता शहर में पहली बार हुगली नदी के नीचे से मेट्रो दौड़ने जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार 6 मार्च को कोलकाता अंडरवाटर मेट्रो का उद्घाटन करने वाले हैं।

क्या है कोलकाता अंडरग्राउंड मेट्रो की खासियत

भारत में पहली बार ऐसा होगा, जब कोई मेट्रो ट्रेन नदी के नीचे से चलेगी। हावड़ा से एस्प्लानेड स्टेशन के बीच 4.08 किलोमीटर का रास्ता है, जिसमे से 520 मीटर का रास्ता पानी से होकर जाता है। इस 520 मीटर के रास्ते की लंबी सुरंग से मेट्रो ट्रेन को गुजरने में 1 मिनट से भी काम का वक्त लगता है। वर्तमान में ईस्ट वेस्ट मेट्रो कॉरिडोर 16.6 किलोमीटर तक फैला है, जिसमें 10.8 किलोमीटर भूमिगत स्थित है, जिसमें हुगली नदी का सुरंग भी शामिल है।

मांझेरहाट मेट्रो स्टेशन एक अनोखा ऊंचा मेट्रो स्टेशन है, जिसमें एक नहर भी शामिल होगी।भारत का सबसे गहरा मेट्रो स्टेशन होने के साथ-साथ हावड़ा का ईस्ट- वेस्ट मेट्रो स्टेशन भारत का सबसे बड़ा स्टेशन बनने वाला है। पानी के नीचे बनी सुरंग में मेट्रो का रफ्तार 80 किलोमीटर प्रति घंटे की होगी। पानी के नीचे होने के बावजूद सुरंग को इस तरह तैयार किया गया है कि एक बूंद पानी भी सुरंग के भीतर नहीं घुस पाएगा।

100 साल पुराने रेलवे स्टेशन के सामने हुगली नदी का होना सुरंग निर्माण में थी बड़ी चुनौती

हुगली नदी के नीचे हावड़ा ब्रिज है ।इस पुल के ठीक नीचे ही सुरंग बनाई गई है। इस सुरंग के दो सिरों को ईस्ट वेस्ट मेट्रो का नाम दिया गया है। नदी के भीतर 520 मीटर लंबी सुरंग बनाना कितनी बड़ी चुनौती थी , उसे इस बात से समझा जा सकता है कि यहां पर हावड़ा रेलवे स्टेशन है जो सबसे व्यस्त स्टेशनों में से एक है। हावड़ा रेलवे स्टेशन के सामने ही हुगली नदी बहती है और हावड़ा मेट्रो के लिए जो सुरंग बनाई गई है, इसका एक हिस्सा हावड़ा स्टेशन की जमीन के नीचे से होकर गुजरता है। इसके अलावा एक बड़ी चुनौती यह थी कि करीब 100 साल पुराने रेलवे स्टेशन के नीचे से सुरंग का निर्माण कैसे शुरू किया जाए। हावड़ा मैदान के बाद से मेट्रो के रास्ते में ऐसे कई इमारतें थी, जो 100 साल से भी ज्यादा पुरानी थी। सबसे बड़ी मुश्किल का काम इसका सैंपल लेना था।

हुगली नदी का पानी भी नहीं रुकेगा

हर चुनौती को पार करते हुए बिना किसी इमारत को चोट पहुंचाए नदी के नीचे 500 मीटर लंबी सुरंग का काम पूरा किया गया फिर देश में सबसे गहरा यानी जमीन से 30 मीटर नीचे खुदाई करके हावड़ा मेट्रो स्टेशन तैयार किया गया।हावड़ा रेलवे स्टेशन के ठीक पीछे बने हावड़ा मेट्रो स्टेशन के लिए 33 मीटर जमीन में खुदाई की गई, जो देश में किसी भी मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए हुई सबसे गहरी खुदाई है।

इसके बाद हुगली नदी से करीब 100 फीट नीचे सुरंग बनाई गई। इस गहराई को अगर उर्धवाधर रूप में देखा जाए तो यह लगभग 10 मंजिला इमारत जितनी ऊंची हो जायेगी। मेट्रो स्टेशन के लिए रास्ता बनाने के लिए नदी के नीचे खुदाई की गई है, इसलिए पानी ऊपर से आसानी से बहता रहेगा और पानी का एक भी बूंद स्टेशन या सुरंग में नहीं जायेगा।

देश के इंजीनियरों के लिए पानी के नीचे सुरंग की खुदाई करना कितना बड़ा चैलेंज था उसे इस बात से समझा जा सकता है कि सुरंग निर्माण के दौरान हर वक्त इसमें पानी चले आने का खतरा मंडरा रहा था।यही कारण था कि सुरंग की खुदाई के लिए जो बोरिंग मशीन मंगवाई गई थी,उसे इस तरह से डिजाइन किया गया था कि अगर नदी के भीतर सुरंग निर्माण के दौरान किसी भी तरह की एमरजैंसी सिचुएशन होती है, तो मशीन सबमरीन की तरह जिंदगियों की रक्षा कर सकती थी।

4 अंडरग्राउंड स्टेशन बनाए गए

पहले बीच में हुगली नदी होने की वजह से मेट्रो ट्रेन सियालदह से स्प्लेनेड तक ही आती थी, लेकिन अब नदी के नीचे सुरंग तैयार होने से चार अंडरग्राउंड मेट्रो स्टेशन बन गए हैं, जिससे अब मेट्रो ट्रेन सियालदह से हावड़ा स्टेशन तक पहुंचेगी। इस दूरी को तय करने में पहले जहां लोगों को 1 घंटा से भी ज्यादा का वक्त लग जाता था,वह दूरी अब सिर्फ चंद मिनट में ही तय की जा सकेगी।गौरतलब है कि कोलकाता घनी आबादी के बोझ से दबा हुआ शहर है, जहां अक्सर सड़कों पर ट्रैफिक जाम की स्थिति बन जाती है। मेट्रो के चालू हो जाने के बाद अब ऐसा नहीं होगा और लोग आसानी से अपनी यात्रा कर सकेंगे।