September 8, 2024

अरुण गोयल द्वारा चुनाव आयुक्त के पद से इस्तीफा के बाद सुलगते सवाल

बीरेंद्र कुमार झा

चुनाव आयोग द्वारा लोकसभा चुनाव 2024 की अधिसूचना में अब कुछ ही दिन शेष बचे हैं, लेकिन इस अधिघोषणा से पहले ही तीन सदस्यीय चुनाव आयोग एक सदस्यीय चुनाव आयोग बन गया है। चुनाव आयोग के एक सदस्य अनूपेंद्र पांडे फरवरी महीने में सेवानिवृत हो गए और अब शनिवार को दूसरे चुनाव आयुक्त अरुण गोयल के द्वारा इस्तीफा दे दिया गया।निर्वाचन आयुक्त अरुण गोयल ने इस्तीफा क्यों दिया इसकी वजह अभी साफ नहीं हो पाई है। केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्रालय की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शनिवार को तत्काल प्रभाव से उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। चुनाव आयुक्त अरुण गोयल के इस्तीफा के बाद कई सवाल देश की राजनीति में सुलगने लगे हैं। प्रमुख विपक्षी दल जहां निर्वाचन आयुक्त अरुण गोयल के इस्तीफा के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी को घेरने में लगे हुए हैं, तो वही एक बड़ा सवाल यह भी उठ रहा है की क्या तीन सदस्यीय चुनाव आयोग की जगह एक सदस्यीय चुनाव आयोग ही अब देश में चुनाव कराएगा?

लोकसभा चुनाव पर नहीं पड़ेगा कोई असर

चुनाव आयुक्त अनूप चंद्र पांडेय के फरवरी महीने में सेवानिवृत होने और उसके बाद अब चुनाव आयुक्त अरुण गोयल के इस्तीफा के बाद चुनाव आयोग में सिर्फ मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ही शेष बचे हैं। ऐसे में यह सवाल उठना शुरू हो गया है कि क्या एक सदस्यीय चुनाव आयोग भारत में लोकसभा चुनाव 2024 संचालित कर सकता है? संवैधानिक प्रावधान के अनुसार मूल रूप से चुनाव आयोग में केवल एक मुख्य चुनाव आयुक्त था और 16 अक्टूबर 1989 के पूर्व तक जबकि पहली बार दो अतिरिक्त चुनाव आयुक्त नियुक्त किए गए थे, देश में होने वाले सारे लोकसभा या विधान सभा चुनाव उस एक ही चुनाव आयुक्त के द्वारा संपन्न कराए जाते थे। ऐसे में अरुण गोयल के इस्तीफा के बाद चुनाव आयोग के एक सदस्यीय हो जाने के बावजूद लोकसभा चुनाव 2024 के संचालन पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा। मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार इस लोकसभा चुनाव से जुड़ी हर कार्रवाई को संपन्न करने के लिए कानूनी तौर पर सक्षम है।

गोयल की नियुक्ति पर हुआ था विवाद

निर्वाचन आयुक्त के पद पर अरुण गोयल की नियुक्ति को लेकर विवाद हो गया था और मामला सुप्रीम कोर्ट भी पहुंचा था। 1985 बैच के आईएएस अधिकारी अरुण गोयल ने 18 नवंबर 2022 को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली थी और उसके अगले ही दिन उन्हें निर्वाचन आयुक्त नियुक्त कर दिया गया था।उनके इस नियुक्ति को लेकर सुप्रीम कोर्ट में चुनौती भी दी गई थी। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने इस पद पर उनकी नियुक्ति में सरकार द्वारा किए गए जल्दीबाजी पर सवाल भी उठाए थे। हालांकि बाद में सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया था।

गोयल पद से इस्तीफा देने वाले चुनाव आयोग के दूसरे अधिकारी

पिछले 4 साल में अरुण गोयल दूसरे निर्वाचन आयुक्त हैं, जिन्होंने अपने पद से इस्तीफा दिया है। इससे पहले अशोक लवासा ने निर्वाचन आयोग के पद से इस्तीफा दिया था। निर्वाचन आयुक्त के पद पर रहते लवासा का मुख्य निर्वाचन आयुक्त और साथी निर्वाचन आयुक्त के साथ आए दिन मतभेद की खबरें आती रहती थी।अगस्त 2020 में अशोक लवासा ने निर्वाचन आयोग के पद से इस्तीफा दे दिया था और इसके बाद उन्हें एशियन डेवलपमेंट बैंक के उपाध्यक्ष पद पर नियुक्त किया गया था।

अरुण गोयल की स्थिति पर कांग्रेस की प्रतिक्रिया

चुनाव आयुक्त अरुण गोयल के इस्तीफा के बाद कांग्रेस की प्रतिक्रिया सामने आई है पार्टी ने इस स्थिति को चिंताजनक बताया है।कांग्रेस की तरफ से कहा गया कि इस घटनाक्रम के बारे में स्पष्टीकरण दिया जाना चाहिए। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने दावा किया कि अगर संस्थाओं की बर्बादी को रोका नहीं गया, तो लोकतंत्र पर तानाशाही का कब्जा हो जाएगा।उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि भारत में अब केवल एक चुनाव आयुक्त है, जबकि कुछ ही दिनों में लोकसभा चुनाव की घोषणा होनी है, आखिर क्यों?

कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र की सेहत के लिए यह बेहद चिंताजनक बात है कि चुनाव आयुक्त अरुण गोयल ने लोकसभा चुनाव के ठीक पर इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने सरकार पर यह आरोप लगाया कि वह निर्वाचन आयोग पर दबाव डालती है। केसी वेणुगोपाल ने दावा किया कि 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान अशोक लवासा ने आदर्श आचार्य संहिता के उल्लंघन के लिए प्रधानमंत्री को क्लीन चिट देने के खिलाफ असहमति जताई थी।बाद में उन्हें इस पर लगातार पूछताछ का सामना करना पड़ा था। यह रवैया दर्शाता है कि शासन लोकतांत्रिक परंपराओं को नष्ट करने पर तुला हुआ है।उन्होंने कहा कि इस घटनाक्रम को स्पष्ट किया जाना चाहिए और आयोग को हर समय पूरी तरह से गैर पक्षपात पूर्ण होना चाहिए।

इस्तीफा पर राजद और तृणमूल कांग्रेस की प्रतिक्रिया

चुनाव अरुण गोयल के इस्तीफा को लेकर आरजेडी के प्रवक्ता मनोज झा ने एक्स पर पोस्ट किया कि ऐसी खबर आ रही है चुनाव आयुक्त अरुण गोयल ने इस्तीफा दे दिया है। संभवत लोकसभा के आम चुनाव की घोषणा के ठीक एक सप्ताह पहले, इस तरह के स्थिति शंसय पैदा करते हैं कि चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष होंगे भी ?

वहीं तृणमूल कांग्रेस के सांसद साकेत गोखले ने कहा कि अरुण गोयल का चुनाव आयुक्त के पद से इस्तीफा देना एक चिंताजनक स्थिति है।अब आम चुनाव से पहले निर्वाचन आयोग में दो नियुक्तियां की जानी है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा की 2024 लोकसभा चुनाव से पहले इस्तीफा के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो चुनाव आयोग की नियुक्ति करेंगे यह एक बहुत ही चिंताजनक है।