September 8, 2024

चुनाव आयुक्त की नियुक्ति पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा,यह वक्त नियुक्ति पर रोक लगाने का नहीं

बीरेंद्र कुमार झा

चुनाव आयुक्त की नियुक्ति मामले में सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हुई,जिसके बाद जजों की पीठ ने कहा कि अभी चुनाव आयुक्त की नियुक्ति पर रोक नहीं लगाई जा सकती है,क्योंकि चुनाव के तारीख निकल चुके हैं और ऐसे में रोक लगाने से और अराजकता का माहौल पैदा हो सकता है।कोर्ट ने कहा कि हमनिर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति वाले कानून का अध्ययन करेंगे,लेकिन इस समय हम अंतिम राहत देने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं,क्योंकि चुनाव नजदीक है।

हम अंतरिम आदेश के माध्यम से किसी कानून पर रोक नहीं लगाते हैं

न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, दीपंकर दत्ता और अगस्टिन जॉर्ज मसीह की पीठ ने यह फैसला सुनाया है।साथ ही पीठ ने पिछले नियुक्तियों पर रोक लगाने से इनकार करते हुए कहा कि आमतौर पर हम अंतरिम आदेश के माध्यम से किसी कानून पर रोक नहीं लगाते हैं।साथ ही पीठ ने यह भी कहा कि नए चुने गए दोनों चुनाव आयुक्तों के खिलाफ किसी तरह का कोई आरोप नहीं है,जिन्हें नए कानून के तहत चयन पैनल में बदलाव के बाद चुना गया है।

सुविधा का संतुलन बनाना बहुत जरूरी

जस्टिस संजीव खन्ना और दीपांकर दत्ता की बेंच ने कहा कि आप यह नहीं कर सकते हैं कि चुनाव आयोग कार्यपालिका के अधीन है।साथ ही उन्होंने कहा कि चुनाव नजदीक है।इसलिए सुविधा का संतुलन बनाना बहुत ही ज्यादा जरूरी है। गौरतलब है की मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त (नियुक्ति ,सेवा की शर्तें और कार्यालय की अवधि) विधेयक 2023 पिछले साल संसद द्वारा पारित किया गया था और बाद में इसे राष्ट्रपति से भी मंजूरी मिल गई थी।

सीजेआई की जगह कैबिनेट मंत्री

मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्त की नियुक्ति के लिए एक समिति का गठन किया गया ,जिसमें भारत के मुख्य न्यायाधीश की जगह एक केंद्रीय कैबिनेट मंत्री को शामिल किया गया।साथ ही समिति में प्रधानमंत्री ,एक केंद्रीय कैबिनेट मंत्री और विपक्ष के नेता हैं।वही याचिकाकर्ता के वकील प्रशांत भूषण ने नियुक्ति प्रक्रिया में गलतियां की ओर संकेत करते हुए कहा है कि 14 फरवरी को रिटायर हुए एक निर्वाचन आयुक्त की नियुक्ति 9 मार्च को दिखाई और दूसरी रिक्ति भी उसी दिन दिखाई गई है।