October 18, 2024

तो क्या रॉबर्ट वाड्रा होंगे अमेठी से कांग्रेस उम्मीदवार ?

अखिलेश अखिल 

अमेठी से चुनाव कौन लड़ेगा यह किसी को पता नहीं। कांग्रेस वालों ने अभी तक अमेठी से कोई उम्मीदवार भी तय नहीं किये हैं। राहुल गाँधी इस सीट से पिछली बार चुनाव हार गए थे। बीजेपी की स्मृति ईरानी ने राहुल को करीब पचास हजार से ज्यादा वोटों से हरा दिया था। लेकिन इस बार राहुल वहां से लड़ेंगे या नहीं नहीं कोई नहीं जानता। राहुल गाँधी केरल के वायनाड से सांसद हैं और इस बार भी वे वही से चुनाव भी लड़ रहे हैं। अमेठी कॉंग्रेस्सस का गढ़ तो रहा है लेकिन पिछले चुनाव में जिस तरह से मोदी की लहर में ईरानी ने राहुल को पटखनी दी थी उससे साफ़ यह भी हो गया था कि कोई भी सीट किसी का गढ़ नहीं हो सकता। जब मजबूत उम्मीदवार सामने आते हैं तो गढ़ भी जमींदोज हो जाता है।    
अमेठी को लेकर कांग्रेस 26 तारीख के बाद कोई बड़ा ऐलान कर सकती है। कहा जा रहा है कि 26 अप्रैल के बाद राहुल गाँधी खुद भी अमेठी जायेंगे लेकिन आज जिस तरह से अमेठी की सड़को और गलियों में एक पोस्टर सामने आया है उससे लग रहा है कि अमेठी से प्रियंका गाँधी के पति रॉबर्ट बाड्रा चुनाव लड़ सकते हैं। पुरे अमेठी में रॉबर्ट वाड्रा के पोस्टर लगा दिए गए हैं। अमेठी के गौरीगंज कस्बे समेत कांग्रेस कार्यालय पर पोस्टर लगाया गया है, जिसमें लिखा है कि अमेठी की जनता करे पुकार, राबर्ट वाड्रा अबकी बार। यह पोस्टर गौरीगंज में कांग्रेस कार्यालय के साथ ही पूरे कस्बे में लगाए गए हैं।
  दरअसल, बीते चार अप्रैल को राबर्ट वाड्रा का एक बयान आया था कि अमेठी के लोग चाहते हैं कि मैं अपना पहला राजनीतिक कदम अमेठी में रखूं और यहां से सांसद बनूं। क्योंकि 1999 के चुनाव में प्रियंका के साथ जब चुनाव प्रचार किया तो वह अमेठी ही था।

उस समय की राजनीति अलग थी। वाड्रा के इस बयान के बाद अब गौरीगंज में जगह-जगह पोस्टर लगने से सियासत तेज हो गई है। इसकी खास वजह यह है कि कभी गांधी परिवार के गढ़ माने जाने वाले अमेठी में वर्ष 2019 के चुनाव में कांग्रेस राहुल गांधी को भाजपा की स्मृति जूबिन इरानी ने 55 हजार 120 मतों के अंतर से हरा दिया था।

अब जब 2024 के लिए चुनाव की रणभेरी बज चुकी है। ऐसे में अभी तक कांग्रेस ने प्रत्याशी नहीं घोषित किया है। सबसे ज्यादा चर्चा कांग्रेस प्रत्याशी को लेकर हो रही है। पहले राबर्ट वाड्रा का बयान और अब पोस्टर लगाए जाने के पीछे का निहितार्थ तलाशने की कवायद चल रही है।