September 8, 2024

बिहार में इंडिया गठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर खलबली,यहां कांग्रेस हो सकती है गठबंधन से अलग

बीरेंद्र कुमार झा

पश्चिम बंगाल के बाद अब पड़ोसी राज्य बिहार में भी इंडिया गठबंधन में सीट शेयरिंग को लेकर पेच फस सकता है।लोकसभा सीटों पर आरजेडी के एक तरफे फैसले ने कांग्रेस और सीपीआई (एमएल) को न सिर्फ नाराज कर दिया है, बल्कि दोनों पार्टियों दोस्ताना संघर्ष के विकल्प पर भी गंभीरता से विचार करने लगी है।औरंगाबाद,बेगूसराय, कटिहार और सुपौल कांग्रेस की परंपरागत सीट रही है। यहां से पार्टी के उम्मीदवार अक्सर चुनाव लड़ते आए हैं। इस बार आरजेडी ने सीटों पर अपने उम्मीदवारों को सिंबल पकड़ा दिया है।

आरजेडी कांग्रेस को 6 सीटों पर सिमटा देने के विचार में

आरजेडी इस बार लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को 6 सीटों पर सिमटा देने की योजना पर आगे बढ़ रही है। यही कारण है कि उसने औरंगाबाद और बेगूसराय जैसे सीटों को भी इस बार कांग्रेस को नहीं दिया। औरंगाबाद सीट पर यह अपनी पार्टी की उम्मीदवार को उतार रही है तो बेगूसराय सीट को इसने सीपीआई को दे दिया है। आरजेडी द्वारा बेगूसराय की सीट सीपीआई को दे दिए जाने से कांग्रेस इस बार अपने युवा नेता कन्हैया कुमार के लिए भी कोई सीट नहीं निकाल पा रही है। इसे लेकर कांग्रेस के नेता जो यहां से चुनाव लड़ते रहे हैं, उन्होंने खुलकर अपनी नाराजगी जाहिर कर दी है।औरंगाबाद सीट के पूर्व सांसद निखिल कुमार के आवास पर कांग्रेसियों का जुटान हुआ। निखिल कुमार ने कहा कि उन्हें अपने पार्टी पर भरोसा है कि वह उन्हें औरंगाबाद से जरूर उम्मीदवार बनाएगी। आरजेडी द्वारा कांग्रेस को 6 सीटों पर सिमटा देने की नियत को देखते हुए अब तो कांग्रेस के भीतर बिहार में कुछ सीटों पर दोस्ताना संघर्ष या फिर अलग से चुनाव लड़ने की संभावना पर चर्चा होने लगी है।

सीपीआई (एमएल) को भी चाहिए 5 सीट

आरजेडी द्वारा उपेक्षा किए जाने से सीपीआई (एमएल)ने भी अपनी नाराजगी जता दी है।पार्टी सिवान और कटिहार के सीट पर अपना दावा जाता रही है। सीपीआई (एमएल) का आरोप है कि दो विधायक वाली सीपीआई और सीपीएम को एक-एक सीट दी गई, वहीं 74 विधायकों वाली आरजेडी ने अपने लिए 28 सीटें रख ली है। 17 विधायकों वाली कांग्रेस को 7 सीट मिल रही है, इसलिए 11 विधायकों वाले दल सीपीआई (एमएल) को 5 सीटें मिलनी चाहिए।

कटिहार सीट पर आरजेडी कांग्रेस और सीपीआई (एमएल) आमने-सामने

पहले चरण वाली चार सीटों पर आरजेडी ने अपने उम्मीदवार उतार दिए हैं।वहीं दूसरे चरण की 5 सीट किशनगंज, कटिहार, पूर्णिया, भागलपुर और बांका में सिर्फ एक सीट किशनगंज पर ही कांग्रेस को उम्मीद दिख रही है। कटिहार सीट को लेकर आरजेडी,कांग्रेस तथा सीपीआई(एमएल) आमने-सामने है ।कांग्रेस कटिहार पर अपना दावा जाता रही है तो सीपीआई(एमएल)अपने विधायक दल के नेता महबूब आलम को यहां से अपना उम्मीदवार उतारना चाहती है, जबकि आरजेडी ने अपने राज्यसभा सदस्य अशफाक करीम को कटिहार से उम्मीदवार बनाने का मन बना लिया है।

बीमा भारती के आने से पप्पू यादव का गणित गड़बड़ाया

बीमा भारती के जदयू छोड़कर आरजेडी में आने से अब पूर्णिया सीट से उनके चुनाव लड़ने की चर्चा चल रही है।इस स्थिति में हाल में अपनी पार्टी का कांग्रेस में विलय कर कांग्रेस के टिकट पर पप्पू यादव के पूर्णिया सीट से चुनाव लड़ने की दावेदारी को लेकर भी अब शक पैदा हो गया है।भागलपुर की सीट को लेकर भी आरजेडी और कांग्रेस के बीच विवाद पैदा हो सकता है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अजीत शर्मा ने कहा है यदि मौका मिला तो भागलपुर की सीट से उनकी बेटी नेहा शर्मा उम्मीदवार हो सकती है। उधर सुपौल सीट पर आरजेडी ने सिंहेश्वर से पार्टी विधायक चंद्रहास चौपाल को सिंबल दे दिया है।